Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एजेएल प्लॉट केस में भूपेंद्र हुड्डा को हाईकोर्ट से राहत, ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर 27 अक्टूबर तक रोक

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 04:44 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर 27 अक्टूबर 2025 तक रोक जारी रखने का आदेश दिया है। जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने एजेएल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। यह मामला पंचकूला में एजेएल को औद्योगिक भूखंड के पुन आवंटन से जुड़ा है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य पर आरोप हैं।

    Hero Image
    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हाईकोर्ट से एजेएल प्लॉट आवंटन मामले राहत मिली है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक 27 अक्टूबर 2025 जारी रखने का आदेश जारी किया है।

    बुधवार को जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने यह आदेश एजेएल की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया, जिसमें 1 जुलाई 2021 का अंतरिम आदेश को आगे जारी रखने का आग्रह किया गया था। 1 जुलाई 2021 के आदेश के तहत ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट को बताया गया कि कि यह रोक 3 अप्रैल 2025 तक लागू थी, लेकिन 6 अगस्त 2025 को मामला 27 अक्टूबर 2025 के लिए स्थगित करते समय अनजाने में इसकी अवधि नहीं बढ़ाई जा सकी।

    हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2021 को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया था। यह आदेश न हुड्डा और एजेएल की याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद दिया गया था।

    याचिकाओं ने विशेष सीबीआई जज , पंचकूला द्वारा 16 अप्रैल 2025 को आरोप तय करने के आदेश को रद करने की मांग की थी।

    अप्रैल 2025 में, विशेष सीबीआई अदालत ने हुड्डा और कांग्रेस से जुड़े एजेएल के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। यह मामला 2005 में पंचकूला में एजेएल को औद्योगिक भूखंड के कथित अवैध पुन आवंटन से जुड़ा है।

    सीबीआई का आरोप है कि भूखंड एजेएल को विशेष लाभ देने के उद्देश्य से पुन आवंटित किया गया, जिसे कथित रूप से गांधी परिवार सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेता यंग इंडिया लिमिटेड के माध्यम से नियंत्रित करते हैं।

    इससे पहले, 1 दिसंबर 2018 को सीबीआई ने हुड्डा, मोतीलाल वोरा (जिनका अब निधन हो चुका है) और एजेएल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। हुड्डा के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि भूखंड की बहाली एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुई थी और इसकी कीमत तय करना प्राधिकरण का अधिकार था।

    उन्होंने कहा कि विशेष सीबीआई जज ने आरोप तय करते समय कई महत्वपूर्ण कानूनी सवालों की अनदेखी की और उन्हें अनुचित तरीके से ट्रायल चरण में भेज दिया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने निर्णय की त्रुटियों और भ्रष्ट इरादे के बीच फर्क करने में गंभीर गलती की है।