Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Lumpy Skin Disease: हरियाणा में गोवंश को कहीं पर भी नहीं ले जा सकेंगे ग्वाले, पशुओं को बेचने पर भी रोक

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 02:54 PM (IST)

    हरियाणा में लंपी स्किन बीमारी के खिलाफ राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। दो दिन में दुधारू पशुओं को तीन लाख टीके लगेंगे। सात दिन में राज्य में सभी पशुओं को टीके लगेंगे। राज्य में गोवंश बेचने पर रोक भी लगा दी गई है।

    Hero Image
    हरियाणा में गोवंश की बिक्री पर रोक। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है। प्रभावित जिलों में ग्वाले गोवंश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जा सकेंगे। पशुओं काे न तो किसी दूसरे जिले या राज्य में ले जाया जा सकेगा और न पशुओं की बिक्री हो सकेगी। संक्रमित पशुओं को अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोवंश में संक्रमण को लेकर मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उपायुक्तों के साथ बैठक की। पशु मेलों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही उपायुक्त सुनिश्चित करेंगे कि किसी गोशाला या अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित पशु को बेसहारा न छोड़ा जाए। ऐसी स्थिति में संक्रमण और अधिक फैल सकता है।

    अगले सात दिनों में सौ प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रदेश में तीन लाख डोज उपलब्ध हैं जिन्हें दो दिन में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। अगले सप्ताह पांच लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी।

    हरियाणा में लंपी स्किन बीमारी से आठ जिले यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और पंचकूला सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अभी तक 2419 गांवों में 30 हजार 225 पशु संक्रमित हुए हैं। इनमें से 16 हजार 939 पशु स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 211 की मृत्यु हुई है।

    वर्तमान में 13 हजार 265 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में 19 लाख 32 हजार पशुधन हैं जिनका टीकाकरण किया जाएगा। जहां संक्रमित पशु की सूचना मिलती है, सबसे पहले उस स्थान के आसपास के क्षेत्र में रिंग-वैक्सीनेशन अवधारणा के अनुरूप वैक्सीनेशन किया जाएगा और तीन एमएल डोज पशुओं को लगाई जाएगी। इसके अलावा अन्य गांवों या क्षेत्र में एक एमएल की डोज लगाई जाएगी।

    उबालकर पी सकते दूध

    मुख्य सचिव ने टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग तुरंत प्रभाव से एडवाइजरी जारी कर लोगों को बताए कि लंपी स्किन बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बशर्ते दूध को हमेशा उबालकर ही इस्तेमाल करें। मरे हुए पशुओं को आठ से 10 फीट का गड्ढा खोद कर दबाएं। किसी भी स्थिति में ऐसे पशुओं के शव को खुले में न छोड़ें। इतना ही नहीं, अगर किसी भी पशु की मृत्यु होती है तो एहतियातन ऐसे पशुओं के शवों का निस्तारण भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए।

    टीकाकरण में ली जाएगी गोसेवा आयोग व गोरक्षकों की मदद

    पशुओं का टीकाकरण करने के लिए गोसेवा आयोग व गोरक्षकों का सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के फैकल्टी, विद्यार्थियों और इंटर्नस की भी मदद ली जाएगी। सभी गोशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फागिंग करने का निर्देश दिया गया है क्योंकि ये भी लंपी स्किन बीमारी को फैलाने में कारण बन रहे हैं। गोशालाओं में सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

    जानवरों से इंसानों में नहीं फैलती बीमारी

    मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग तुरंत बीमारी की जानकारी, रोकथाम और पशुओं की देखभाल से संबंधित एडवाइजरी जारी करे । लोगों को बताए कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह रोग गैर-जूनोटिक है यानी यह जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है। इसलिए बिना किसी डर के अपने जानवरों की देखभाल करें। प्रभावित जानवरों को अन्य जानवरों से अलग करें। प्रभावित पशुओं की संख्या, मृत पशुओं की संख्या के साथ ही दवा की उपलब्ध्ता और मांग की जानकारी भी पोर्टल पर रोजाना अपडेट की जाएगी।