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    पंचकूला में हादसा, आयुर्वेदिक पंचकर्मा सेंटर में स्टीमर फटा, थेरेपिस्ट झुलसी

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 05:44 PM (IST)

    पंचकूला के एक आयुर्वेदिक पंचकर्मा सेंटर में स्टीमर फटने से एक थेरेपिस्ट झुलस गई। स्टाफ ने पहले ही स्टीमर की खराबी की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई ...और पढ़ें

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    सेक्टर-9 स्थित गवर्नमेंट आयुर्वेदिक पंचकर्मा सेंटर में हादसा।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। सेक्टर-9 स्थित गवर्नमेंट आयुर्वेदिक पंचकर्मा सेंटर में वीरवार को हादसा हो गया। इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाला स्टीमर अचानक फट गया, जिससे सेंटर में कार्यरत ढकौली निवासी थेरेपिस्ट कल्पना वर्मा झुलस गईं हैं।

    हादसे के तुरंत बाद उन्हें सेक्टर-6 के जनरल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाॅक्टरों ने बताया कि उनके दोनों पैरों और पेट का हिस्सा झुलसा हुआ है। फिलहाल उनका इलाज जारी है ।

    स्टाफ की चेतावनी के बावजूद नहीं हटाया गया खराब स्टीमर

    पंचकर्मा सेंटर में लगे स्टीमर की स्थिति लंबे समय से खराब थी। 22 मई को स्टाफ ने जिला आयुष अधिकारी को लिखित शिकायत भेजकर बताया था कि स्टीमर गर्म होने पर तेज आवाज करता है।

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    स्टीमर की आवाज से मरीज डर जाते हैं और भाप कमरे का तापमान असहनीय बना देती है। साथ ही, इसे कमरे के बाहर शिफ्ट करने की मांग भी की गई थी। बावजूद इसके, साढ़े छह महीने बीत जाने के बाद भी सुधार नहीं किया गया और अंत में बड़ी लापरवाही हादसे का कारण बन गई।

    साल 2024 में लगाया गया था नया स्टीमर, अब होगी जांच

    जिला आयुष अधिकारी डाॅॅ दिलीप मिश्रा ने कहा कि हादसे में शामिल स्टीमर साल 2024 में ही लगाया गया था। इतने कम समय में लीकेज कैसे हुआ, इसकी तकनीकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने माना कि स्टाफ की शिकायत प्राप्त हुई थी और इसके बाद सुधार एवं नए उपकरणों के लिए 41 लाख रुपये का बजट भी मंजूर कराया गया था, जो वर्तमान में पीडब्ल्यूडी विभाग के पास लंबित है।

    डॉ. मिश्रा के अनुसार, पीडब्ल्यूडी को जल्द कार्य शुरू करने के लिए पुनः लिखा जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। हादसे के बाद पंचकर्मा सेंटर के स्टाफ में दहशत का माहौल है। कर्मचारियों का कहना है कि कई बार खराब उपकरणों को लेकर प्रबंधन का ध्यान दिलाया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब इस घटना के बाद सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग तेज हो गई है। घटना के बाद सेंटर में इलाज बाधित रहा और कई मरीजों को दूसरे समय पर आने की सलाह दी गई।