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अपनी ही चाल में बुरे फंसे हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष अशोक तंवर, कमेटी बनाना पड़ सकता है भारी

हरियाणा कांंग्रेस प्रधान अशोक तंवर अपनी ही चाल में बुरे फंसते दिख रहे हैं। उनके द्वारा बनाई गई हरियाणा कांग्रेस की चुनाव संबंधी कमेटी को गुलाम नबी आजाद ने खा‍रिज किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 03:31 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 08:55 AM (IST)
अपनी ही चाल में बुरे फंसे हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष अशोक तंवर, कमेटी बनाना पड़ सकता है भारी
अपनी ही चाल में बुरे फंसे हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष अशोक तंवर, कमेटी बनाना पड़ सकता है भारी

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा कांग्रेस के अध्‍यक्ष डॉ. अशोक तंवर अपनी ही चाल में फंस गए हैं। बिना आलाकमान की मंजूरी के हरियाणा कांग्रेस की चुनाव योजना एवं प्रबंधन कमेटी बनाना उनको भारी पड़ सकता है। उनके इस तरह कमेटी बनाने पर हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कड़ी नाराजगी जताई है। आजाद ने कहा कि इस तरह की कमेटी प्रदेश कांग्रेस नहीं बना सकती। इसके लिए अशोक तंवर ने राष्‍ट्रीय लीडरशिप से नहीं पूछा और इसे हमारी स्‍वीकृत नहीं है। इसके साथ ही आजाद ने राज्‍य कांग्रेस में नेतृत्‍व परिवर्तन के संकेत भी दिए। ऐसे में अब माना जा रहा है कि अशोक तंवर को जल्‍द ही कड़ा झटका लग सकता है।

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बता दें कि शुक्रवार को चंडीगढ़ में अशोक तंवर ने आलाकमान द्वारा बनाई गए समन्‍वय की तर्ज पर चुनाव योजना एवं प्रबंधन समिति भी गठित करने की घोषणा की थी। कांग्रेस में अपनी समस्त भारतीय पार्टी का विलय करने वाले सुदेश अग्रवाल को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है। उन्‍होंने कहा था कि इस कमेटी की आगे उप समितियां बनेंगी, जो मीडिया प्रबंधन, संगठन तथा चुनाव घोषणा पत्र बनाने का काम करेंगी।

तंवर ने कहा था कि इस कमेटी में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव को पत्र भेजे जाएंगे। उन्होंने कमेटी की पहली बैठक 8 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित करने की बात भी कही थी।

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इस पूरे मामले में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने रविवार को अशोक तंवर बड़ा झटका दिया। आजाद ने तंवर के इस कदम से साफ तौर पर असहमति जताई और कड़ी नाराजगी जाहिर की। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चुनाव योजना एवं प्रबंधन कमेटी के गठन की कोई परमिशन नहीं दी गई है।   इस तरह की कमेटी बनाना प्रदेश कांग्रेस का काम नहीं है।

आजाद ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यह काम करती है। इस कमेटी को हमारा (कांग्रेस के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व) अप्रूवल नहीं है। इस कमेटी को हम मंजूर नहीं करते। यह कमेटी किसी से पूछ कर नहीं बनाई गई है।  एआइसीसी कोई भी इस तरह की कमेटी सभी से पूछ कर बनाती है। अशोक तंवर ने किसी से नहीं पूछा और घर में बैठकर कमेटी बना ली। हरियाणा कांग्रेस के अध्‍यक्ष और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर आजाद ने कहा कि पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर जब परिवर्तन हो जाएगा उसके बाद राज्यों में देखेंगे। जहां-जहां परिवर्तन की जरूरत होगी वहां परिवर्तन करेंगे।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने पर भी नरम नहीं पड़े तंवर के तेवर

बता दें कि लोकसभा चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद भी पार्टी में कलह समाप्‍त नहीं हाे रही है। खुद चुनाव में हार चुके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। तंवर ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति करवाने में लगे नेताओं की परवाह किए बिना विधानसभा चुनाव तैयारी का बिगुल फूंक दिया है। तंवर के कड़े तेवर उनके इस निर्णय से भी झलकते हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने पार्टी नेता सुदेश अग्रवाल की अगुआई में एक चुनाव प्रबंधन कमेटी बना दी है।

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तंवर द्वारा गठित इस कमेटी को लेकर हरियाणा कांग्रेस में बवाल खड़ा हो गया है। विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने तंवर की इस कमेटी के गठन से अनभिज्ञता जताई है। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव भी इस कमेटी के गठन पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि वह तंवर का भी उतना ही सम्मान करते हैं जितना पार्टी के अन्य नेताओं का, लेकिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों को ऐसी कमेटी में सदस्य बनाना क्या उचित है?

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हुड्डा की चुप्पी में छुपा राजनीतिक रहस्य

आम तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा औपचारिक, अनौपचारिक बातचीत में किसी सवाल का जबाव देने में आनाकानी नहीं करते मगर तंवर द्वार गठित चुनाव प्रबंधन कमेटी या तंवर के बारे में वे किसी भी सवाल का जबाव देने से बचते हैं। हुड्डा तंवर के बारे में पूछे किसी भी सवाल को लेकर चुप्पी साध जाते हैं। उनकी इस चुप्पी में हालांकि राजनीतिक रहस्य छुपा होता है और इसे वे खुद ही जानते हैं।

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'' प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर खुद तय करें कि उन्होंने यह कमेटी बनाकर ठीक काम किया है या गलत। हम पार्टी के काम या जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष पार्टी हित में कोई काम दे तो उसे हम अपना काम मानकर पूरा करते हैं मगर एक पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक दल की नेता या एक पूर्व वित्त मंत्री को एक ऐसी कमेटी में सदस्य के तौर पर बुलाना जिसकी अभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से भी मंजूरी नहीं है। गलत निर्णय है। इस कमेटी में प्रदेश पदाधिकारियों को शामिल किया जा सकता था।

                                                                                    - कैप्टन अजय यादव, पूर्व वित्त मंत्री, हरियाणा।

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