Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: अर्शिया गोस्वामी ने नौ साल की उम्र में 75 किलो उठाया भार, बना दिए कई रिकॉर्ड

    Updated: Wed, 10 Apr 2024 04:25 PM (IST)

    जिस आयु में बच्चे सही तरीके से चीजों को समझ नहीं पाते उस उम्र में पंचकूला की रहने वाली अर्शिया गोस्वामी ने कई रिकॉर्ड बना दिए। जिससे ना सिर्फ जिले या प्रदेश का नाम बल्कि देश का नाम दुनियाभर में रोशन हुआ। महज नौ साल की आयु में 75 किलोग्राम भार उठाकर धूम मचा दी है। अर्शी के पिता का एक जिम है। यहीं पर उन्होंने डेडलिफ्टिंग सीखी।

    Hero Image
    Haryana News: अर्शिया गोस्वामी ने 9 वर्ष की आयु में 75 किलोग्राम भार उठाकर धूम मचा द

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। (Arshia Goswami lifted 75 kg) नौ वर्षीय अर्शिया गोस्वामी इन दिनों खूब चर्चा में हैं। इस बच्ची ने 75 किलोग्राम का भार उठाकर धूम मचा दी है। बच्ची की हिम्मत का लोहा सभी देख रहे हैं। उनके पिता द्वारा सोशल मीडिया पर अर्शिया का भार उठाने का वीडियो जैसे ही डाला गया, उसे सभी देखते रह गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अर्शिया के वेट लिफ्टिंग, रनिंग से लेकर फिटनेश के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं और ये यूर्जस का ध्यान खींच रहे हैं। अब इस बेटी का वेट लिफ्टिंग के दौरान 75 किलोग्राम का भार उठाने के वीडियो सोशल मीडिया पर तबाही मचा रहा है। पंचकूला (Panchkula News) की रहने वाली अर्शिया गोस्वामी 75 किलोग्राम की डेडलिफ्ट उठाती दिख रही हैं।

    करीब सात साल की आयु में 45 किलो उठाया भार

    वर्ष 2021 में अर्शिया ( Arshia Goswami) ने छह साल की उम्र में 45 किलो ग्राम का भार उठाया था और ऐसा करने वाली वह सबसे यंग लिफ्टर बनी थी। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के अनुसार, छह साल 11 माह की उम्र में अर्शिया ने 45 किलो भार उठाने का रिकॉर्ड बनाया था।

    28 दिसंबर 2021 में उनका नाम फिर रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया गया था। इसके अलावा, 2022 में अर्शिया का नाम एशिया बुक में भी रिकॉर्ड किया है। सेक्टर 25 पंचकूला में अपने पिता के जिम में अर्शिया अपनी उल्लेखनीय क्षमताओं से पर्यवेक्षकों को चकित कर देती हैं। उम्मीदों पर पानी फेरती हैं और उन्हें आश्चर्यचकित कर देती हैं। अर्शिया को पेंटिंग करना और घर पर खाली समय नेटफ्लिक्स देखना पसंद है।

    अर्शिया की पसंदीदा फिल्म जुरासिक वर्ल्ड

    उनकी पसंदीदा फिल्म जुरासिक वर्ल्ड है। उनमें असीम ऊर्जा और जिज्ञासा है। जो ज्यादातर नौ साल के बच्चों में होती है और हर कुछ मिनटों में कुछ नया करके मोहित हो जाती है हालांकि इस साधारण दिखने वाले बाहरी हिस्से के पीछे एक असाधारण प्रतिभा छिपी हुई है। पिछले साल इस छोटी सी लड़की ने आठ साल की उम्र में 60 किलोग्राम की डेडलिफ्ट आसानी से पूरी कर ली।

    यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: खुशखबरी! चुनाव रिजल्ट के दिन मतगणना केंद्रों के बाहर लगेंगी बड़ी स्क्रीन, हर बूथ पर होंगे इंतजाम

    उनका त्रुटिहीन कौशल और अटूट फोकस वास्तव में सराहनीय है।अर्शिया पावरलिफ्टिंग और तायक्वोंडो दोनों के लिए समर्पित है। आठ साल की उम्र में उन्होंने राज्य स्तर पर आयोजित भारोत्तोलन प्रतियोगित में कांस्य पदक जीता। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट उनके पिता द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो एक प्रमाणित फिटनेस ट्रेनर हैं। अर्शिया ने अपने पिता के नियमित व्यायाम के माध्यम से भारोत्तोलन में रुचि विकसित की।

    इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने दिया ये रियेक्शन

     जहां उनके असाधारण प्रदर्शन ने सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं और पेशेवरों को आश्चर्यचकित कर दिया। वहीं इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का एक वर्ग ऐसा भी था जिसने चिंता व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, "क्या वह इतना भारी वजन उठाने के लिए अभी बहुत छोटी नहीं है?

    उसकी रीढ़ की हड्डी भी इस तरह के दबाव को झेलने के लिए अच्छी तरह से विकसित नहीं हुई है।" एक अन्य इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा "मुझे यकीन नहीं है कि इस उम्र में इतना भारी वजन उठाने से हड्डियों का विकास रुक जाता है।"

    डेडलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है। जो आम तौर पर शक्तिशाली शरीर और बड़े शरीर के आकार वाले वयस्क जिमनास्टों से जुड़ा होता है। पावरलिफ्टर्स भारी वजन उठाने में सक्षम होने की ताकत विकसित करने के एकमात्र उद्देश्य से वर्षों तक कड़ी मेहनत करते हैं।

    लेकिन क्या छह साल का कोई युवा डेडलिफ्ट कर सकता है? बहुमत इस प्रश्न का उत्तर जोरदार 'नहीं' में देगा। अपने इस कारनामे से अर्शिया उन असाधारण बच्चों की श्रेणी में शामिल हो गई हैं जो अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से लोगों की धारणाएं बदल देते हैं।

    ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करना लक्ष्य

    अर्शिया कहती हैं कि खेल में अर्शिया की उत्कृष्टता के पीछे प्रमुख कारक उसे अपने माता-पिता से मिला प्रोत्साहन है। "वजन उठाने से मुझे खुशी महसूस होती है; यह मुझे आराम देता है। स्कूल के बाद, जब भी मुझे समय मिलता है, मैं व्यायाम करती हूं और वजन उठाती हूं। यह मुझे मजबूत बनाता है। वजन को खाली देखने से मेरा दिन उज्ज्वल और रंगीन हो जाता है; वे मेरे खिलौने हैं"। उसका लक्ष्य ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

    पिता की पंचकूला में जिम, वहीं से ली ट्रेनिंग

    पिता अवनीश कुमार गोस्वामी से जब हमने पूछा कि अर्शिया को ये शौक कैसे जगा तो उन्होंने हमें बताया कि अर्शिया को उन्हें देखकर इसमें रुचि जगी। अर्शी के पिता का पंचकूला में एक जिम है और वो सर्टिफाइड जिम ट्रेनर हैं। अवनीश ने बताया "अर्शिया की दिलचस्पी खुद-ब-खुद बढ़ने लगी।

    चारों ओर डम्बल पड़े रहते थे और वह उनसे प्रैक्टिस करने लगी। कोरोना के समय पर अर्शिया की मां और मैं साथ में एक्सरसाइज करते थे जिसे खकर अर्शिया का इंटरेस्ट जगा और वो अपनी मां से कंपटीशन करने लगी। उसकी रुचि को देखते हुए, जब अर्थिया पांच साल की हुई, तब हमने उसे वेट निंग देना शुरू किया, हमें देखकर आश्चर्य हुआ कि उस समय अर्शिया के पोस्चर परफेक्शन के करीब थे।

    यह भी पढ़ें: HSGPC News: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खाते बंद होने पर कर्मचारियों ने किया कलम छोड़ प्रदर्शन