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    आपदा में सेना ने संभाला मोर्चा, जम्मू, पंजाब और हिमाचल में 5 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 06:27 PM (IST)

    भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने जम्मू पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान चलाकर 5000 से अधिक नागरिकों को बचाया। सेना ने 21 टन राहत सामग्री वितरित की और संचार सेवाएं बहाल की। निगरानी सेल बांधों के जलस्तर पर नजर रख रहा है। सेना ने नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम किया और बचाव कार्यों में तेजी लाई।

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    हेलिकॉप्टरों की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला और जरूरी सामग्री पहुंचाई गई।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़े स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाते हुए पांच हजार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। साथ ही 21 टन से अधिक राहत सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाई गई है।

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    पश्चिमी कमान मुख्यालय चंडीमंदिर (पंचकूला) में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेजर जनरल पुनीत आहूजा और कर्नल इकबाल सिंह अरोड़ा ने जानकारी दी कि राहत अभियान 16 अगस्त से लगातार चल रहा है। इस दौरान 47 कॉलम, सेना की एविएशन यूनिट और वायुसेना के हेलिकॉप्टर, इंजीनियर्स, मेडिकल और कम्युनिकेशन टीमें राहत कार्यों में जुटी रहीं।

    कर्नल अरोड़ा ने बताया कि सेना के जवानों, इंजीनियरों, मेडिकल यूनिट और एविएशन संसाधनों को अल्प सूचना पर ही तैनात कर दिया गया ताकि जनजीवन बचाया जा सके और आवश्यक सेवाएं बहाल की जा सकें। हेलिकॉप्टरों की मदद से फंसे लोगों को बाहर निकाला गया और जरूरी सामग्री पहुंचाई गई।

    उन्होंने बताया कि हर मुख्यालय पर 24 घंटे सक्रिय फ्लड कंट्रोल मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है, जो भाखड़ा नंगल, रंजीत सागर समेत अन्य प्रमुख बांधों के जलस्तर पर नजर रख रहा है। राहत कार्य सिविल प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ समन्वय में किए जा रहे हैं।

    सेना के 20 विमान बचाव कार्य में जुटे

    20 विमान जिनमें एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर, रिकॉन्नेसेंस एंड ऑब्जर्वेशन हेलिकॉप्टर, एमआई-17 और चिनूक शामिल हैं, लगातार मिशन में लगे रहे। अब तक 5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

    राहत सामग्री के रूप में खाद्य पैकेट, दवाइयां और आवश्यक सामान पहुंचाया गया। 27 अगस्त को सेना की कम्युनिकेशन टीम ने 2 किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर बिछाकर मोबाइल नेटवर्क बहाल किया, जबकि 29 अगस्त को जम्मू तवी पर सिर्फ 12 घंटे में बेली ब्रिज बनाकर शहर के लिए जीवनरेखा फिर से जोड़ दी गई।

    पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान और हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में हुई तेज बारिश से आई बाढ़ ने गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर के गांवों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।

    जम्मू में 130 से अधिक लोगों की मौत

    जम्मू-कश्मीर में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई है। 14 अगस्त से अब तक 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।120 घायल हैं और 33 लोग लापता हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।

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