मनोहरलाल सरकार की एक अौर परीक्षा, जाटों ने नौ जिलों में शुरू किया आंदोलन
मनोहर लाल सरकार के लिए परीक्षा की एक और घड़ी सामने आ गई है। जाटों ने आज से अपना आंदोलन अपना शुरू दिया है। राज्य सरकार के लिए इससे निपटना बड़ी चुनौती होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार के लिए एक और परीक्षा की स्थिति आ गई है। राज्य सरकार के समक्ष अाज से बड़ी मुसीबत खड़ी हाे गई है। एक के बाद चार बड़े आंदोलन या उत्पाद झेल चुकी हरियाणा की मनोहर सरकार के सामने इस समस्या से निपटना बड़ी चुनौती होगी। यह चुनौती है आज से शुरू हाे रहा जाटों का आंदाेलन। अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने नौ जिलों में यह आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही 18 अगस्त को इनेलो ने हरियाणा बंद का एेलान कर रखा है।
पुलिस महानिदेशक बीएस संधू अगले माह रिटायर हो रहे हैं। लिहाजा सबसे अधिक चुनौती उन्हीं के समक्ष हैं। राज्य में अभी तक चार बड़े आंदोलन व उत्पात हुए हैं, उनमें प्रदेश की अरबों रूपये की संपत्ति नष्ट हो गई और कई लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं। वहीं इन घटनाओं में तीन गृह सचिव और तीन डीजीपी पर गाज गिर चुकी है।
16 से शुरू होने वाले जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर सरकार ने की तैयारी
जाट आरक्षण आंदोलन और 18 अगस्त के हरियाणा बंद से निपटने के लिए सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली। मुख्यमंत्री मनोहर लाल राज्य के मुख्य सचिव डीएस ढेसी, गृह सचिव एसएस प्रसाद और पुलिस महानिदेशक बीएस संधू से पल-पल की रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं।
अभी अर्धसैनिक बलों की कंपनियां नहीं, हरियाणा पुलिस के सहारे कानून व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि आरक्षण आंदोलन और इनेलो के हरियाणा बंद के मद्देनजर प्रदेश सरकार सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। फिलहाल सरकार ने हरियाणा पुलिस पर ही भरोसा जताया है और केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बलों की कोई कंपनी नहीं मांगी है।
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पिछले चार आंदोलन में तीन गृह सचिव और तीन डीजीपी पर गिर चुकी गाज
उधर, पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने राज्य के उच्च पुलिस अधिकारियों, पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता करने के आदेश जारी किए हैं। पुलिस महानिदेशक के निर्देशों के बाद सभी जिलों में पुलिस लाइन व पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में मौजूद अतिरिक्त अमले को जिलों में तैनात कर दिया गया है। आपात स्थिति में पुलिस के जवानों को अलग-अलग जिलों में बदलकर डयूटियां दी जा सकती हैं।
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स्वतंत्रता दिवस की डयूटी से फारिग होते ही पुलिस कर्मचारी 16 अगस्त से शुरू होने वाले जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिए गए। 17 अगस्त से हरियाणा विधानसभा का सत्र शुरू होगा, जिस कारण विभिन्न जिलों के पुलिस जवानों की डयूटी चंडीगढ़ में रहेगी।
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18 अगस्त को इनेलो ने एसवाईएल नहर के मुद्दे पर प्रस्तावित बंद को लेकर भी पुलिस की विभिन्न जिलों में तैनाती रहेगी। पुलिस महानिदेशक के अनुसार सभी जिला अधिकारी निरंतर मुख्यालय के संपर्क में हैं। अगर जरूरत पड़ती है तो आला अधिकारियों को भी जिलों में निरीक्षण के लिए बतौर पर्यवेक्षक भेजा जा सकता है।