अनिल विज ने बदला मनोहर लाल का फैसला, परिवहन विभाग से पुलिसकर्मियों की छुट्टी
हरियाणा के परिवहन विभाग से पुलिस कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है। आरटीए कार्यालयों में लगे सभी कांस्टेबल हेड कांस्टेबल और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टरों को परिवहन विभाग से वापस उनके मूल काडर पुलिस में भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। परिवहन मंत्री अनिल विज की आपत्ति के बाद परिवहन विभाग से पहले ही कई आइपीएस और एचपीएस अधिकारियों के साथ इंस्पेक्टर हटाए जा चुके हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, चंडीगढ़। हरियाणा के परिवहन विभाग से पुलिस कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है। आरटीए कार्यालयों में लगे सभी कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टरों को परिवहन विभाग से वापस उनके मूल काडर पुलिस में भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के आसार
परिवहन मंत्री अनिल विज की आपत्ति के बाद परिवहन विभाग से पहले ही कई आइपीएस और एचपीएस अधिकारियों के साथ इंस्पेक्टर हटाए जा चुके हैं। परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार करने के इरादे से तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस विभाग में आइपीएस व एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति का प्रयोग किया था, जो कि काफी हद तक सफल रहा था। लेकिन आइएएस और एचसीएस लाबी इस प्रयोग से काफी नाराज चल रही थी।
कांस्टेबल से लेकर डीएसपी रैंक तक के अधिकारी परिवहन विभाग में थे
पुलिस अधिकारियों व जवानों की दूसरे विभागों में पोस्टिंग के शुरू से ही खिलाफ रहे परिवहन मंत्री अनिल विज ने अपने परिवहन विभाग को पुलिस मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। कांस्टेबल से लेकर डीएसपी रैंक तक के अधिकारी परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए थे।
अब नायब सरकार में परिवहन मंत्रालय की कमान विज के हाथों में है। विज ने जब काम संभाला तो उस समय विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क के पास थी। विज की आपत्ति के बाद सरकार उन्हें परिवहन विभाग ने हटा चुकी है।
प्रदेश में कई रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) में पुलिस जवानों व अधिकारियों की नियुक्ति से नाराज अनिल विज के आदेशों के बाद परिवहन आयुक्त सीजी रजनीकांथन ने पत्र जारी कर सभी को मूल कैडर में जाने के आदेश दे दिए हैं।
पुलिस जवान पुलिस विभाग में जाकर अपना कार्यभार संभालेंगे
परिवहन विभाग में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, सब-इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के अलावा डीएसपी रैंक के अधिकारी कार्यरत थे। अब ये सभी अधिकारी व पुलिस जवान पुलिस विभाग में जाकर अपना कार्यभार संभालेंगे।
विज का मानना हे कि पुलिस और सिविल की ड्यूटी अलग-अलग है। पुलिस के जवान और अधिकारी कानून व्यवस्था संभालने के लिए हैं। सिविल विभागों के कामकाज के लिए दूसरे अधिकारी व कर्मचारी हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि पुलिस जवानों की ट्रेनिंग कानून एवं व्यवस्था कंट्रोल करने के लिहाज से ही की जाती है।
एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क की जगह सरकार वरिष्ठ आइएएस डॉ. अशोक खेमका को परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगा चुकी है। विज की आपत्ति के बाद ही सरकार ने आइपीएस अधिकारी विर्क को विज के विभाग से हटाया था। हालांकि नवदीप सिंह विर्क के पास खेल विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी है।

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