पंचकूला में एंबुलेंस बनी मां के लिए वरदान, बीच रास्ते सुरक्षित जन्म, स्टाफ की तत्परता से संकट की घड़ी में बची दो जान
बरवाला के पास एक गर्भवती महिला ने एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस स्टाफ ने तुरंत कार्रवाई की और सुरक्षित प्रसव कराया। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस कर्मचारियों की तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की। यह घटना स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

संवाद सहयोगी, बरवाला। गांव टोका के नजदीक सोमवार को उस समय भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला जब एक गर्भवती महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया। महिला को परिजन तत्काल अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। स्थिति गंभीर होती देख एंबुलेंस स्टाफ ने बगैर घबराए त्वरित सूझबूझ का परिचय दिया और सड़क किनारे ही एंबुलेंस रोककर प्रसव प्रक्रिया शुरू की।
एंबुलेंस में मौजूद स्टाफ ने पूरी सावधानी और धैर्य के साथ महिला का सहयोग किया। कुछ ही देर में महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दे दिया। जन्म के बाद एंबुलेंस स्टाफ ने मां और शिशु दोनों की प्रारंभिक जांच की और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने बताया कि फिलहाल दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी तरह की जटिलता नहीं है।
घटना की खबर फैलते ही आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस कर्मियों की जमकर सराहना की। लोगों का कहना था कि संकट की इस घड़ी में जिस प्रकार स्टाफ ने मानवीय संवेदनाओं को प्राथमिकता दी और जिम्मेदारी निभाई, वह काबिले तारीफ है। सामान्यत: ऐसी स्थिति में जान को खतरा बन सकता था, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों की तत्परता से मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित जीवन मिल गया।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी न केवल अपनी ड्यूटी निभाते हैं, बल्कि कई बार इंसानियत की मिसाल भी कायम करते हैं।
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