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    समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से खतरे में पड़ रही मरीजों की जान

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:26 PM (IST)

    इसे स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी कहें या लापरवाही लेकिन कालका में सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की पोल जरूर खुल रही है। ...और पढ़ें

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    समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से खतरे में पड़ रही मरीजों की जान

    राजकुमार, कालका

    इसे स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी कहें या लापरवाही, लेकिन कालका में सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की पोल जरूर खुल रही है। कालका अस्पताल सहित पिजौर और नानकपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए तीन एंबुलेंस की जगह मात्र एक एंबुलेंस ही लगी हुई है। यही नहीं अस्पताल के कार्यो के लिए उपलब्ध गाड़ी की मेंटेनेंस न होने के कारण उनकी हालत भी खस्ता है। पिछले दिनों भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब अस्पताल के कार्यवाहक एसएमओ सहित अन्य कर्मचारियों को कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के लिए निकलना था, लेकिन बाहर देखा तो गाड़ी का टायर ही जवाब दे गया था और ड्राइवर गाड़ी का टायर बदलने में जुटा रहा।

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    कालका के सरकारी अस्पताल ,पिजौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नानकपुर स्वास्थ्य केंद्र के लिए  पहले तीन अलग-अलग एंबुलेंस थी, लेकिन कोरोना काल में पिजौर और नानकपुर की एंबुलेंस को कोविड के मरीजों के लिए लगा दिया और दोनों एंबुलेंस को पंचकूला के सरकारी अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया गया। ऐसे में कालका के लिए शेष रही एक मात्र एंबुलेंस को कालका, पिजौर और नानकपुर के लिए प्रयोग किया जाता है।

    इस बारे में रामपाल तोमर,राकेश कुमार,रोहित तथा गुरमीत सिंह सहित अन्य ने कहा कि कालका अस्पताल से पंचकूला अस्पताल, पीजीआइ तथा सेक्टर 32 के लिए रेफर किए जाने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। मरीजों के हिसाब से यहां दो एंबुलेंस की जरूरत है,लेकिन विभाग ने तो तीन अस्पतालों पर मात्र एक एंबुलेंस लगाकर सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है।

    उन्होंने बताया कि एंबुलेंस समय पर न मिलने के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ता है ,जिससे मरीजों को दर्द की पीडा ज्यादा समय तक सहन करनी पड़ी है। कई बार तो मरीजों के तीमारदारों को मजबूरन प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन बावजूद इसके विभाग इस मामले को सिरे से नजर अंदाज कर रहा है।  

    उधर, अस्पताल के जरूरी कार्यो एंव क्षेत्र में सर्वे, सैंपल आदि लेने के कार्यो के लिए विभाग ने एक जीप दे रखी है। अस्पताल के कर्मचारी व डाक्टर फिल्ड कार्य में जाने के लिए गंजे टायरों वाली गाड़ी में सवार होते हैं, जिससे अचानक टायर बैठने की सूरत में हादसे का भी डर रहता है। कोविड के मरीजों का ज्यादा लोड पड़ने पर एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब ज्यादा मरीजों की जानकारी मिलने पर जल्द एक अन्य एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जाएगी।

     - डॉ. जसजीत कौर,  सिविल सर्जन पंचकूला।