NIA में सवा पांच साल सेवा के बाद लौटे आलोक मित्तल बने हरियाणा सीआइडी के ओएसडी
हरियाणा के वरिष्ट पुलिस अफसर आलोक मित्तल को राज्य सीआइडी का ओएसडी बनाया गया है। मित्तल एनआइए में सवा पांच साल की सेवा के बाद लौटे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) में पांच साल तीन माह तक प्रतिनियुक्ति पर रहे हरियाणा कॉडर के आइपीएस अधिकारी आलोक मित्तल वापस अपने मूल हरियाणा कॉडर में लौट गए हैं। हरियाणा पुलिस कॉडर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक मित्तल को सीआइडी में बतौर विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में एंट्री दी गई है।
मित्तल ने 30 जून को एनआइए का पदभार छोड़ दिया था। हरियाणा सीआइडी प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल राव 31 जुलाई को सेवानिवृत हो रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो आलोक मित्तल का 31 जुलाई तक का समय हरियाणा सीआइडी में कामकाज समझने का रहेगा। इसके बाद संभवतया उन्हें अनिल राव की जगह सीआइडी प्रमुख बनाया जा सकता है।
इस दौरान बतौर ओएसडी मित्तल को सीआइडी के कामकाज को समझने के लिए समय दिया गया है। 1993 बैच के आइपीएस अधिकारी आलोक मित्तल काफी अनुभवी अधिकारी हैं। वे एनआइए में प्रतिनियुक्ति पर रहने से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) में भी चार साल सेवा दे चुके हैं। मित्तल पंचकूला,पानीपत, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद जिला में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं।
तेजतर्रार पुलिस अधिकारी रहे हैं आलोक मित्तल
आलाेक मित्तल तेजतर्रार पुलिस अफसर रहे हैं। मित्तल ने आइपीएस प्रशिक्षु के तौर पर 1994 में जहां पहले पलवल शहर के थानाध्यक्ष के रूप में काम किया। वह 1995 में फरीदाबाद में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त हुए। इस दौरान फरीदाबाद के पुलिस अधीक्षक केके मिश्रा थे। मिश्रा इसी साल 30 जून को सेवानिवृत्त हुए हैं।
सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में आलोक मित्तल को जानकारी मिली कि मैगपाई पर्यटन स्थल के पीछे कैनाल कॉलोनी में एक अधिकारी के नाम पर आवंटित खाली सरकारी कोठी में करीब 20 लाख रुपये की शराब का अवैध रूप से स्टॉक किया गया है। जानकारी देने वाले ने मित्तल को इस बाबत भी आगाह किया था कि यदि उन्होंने इस शराब को पकड़ने के लिए आलाधिकारियों को बताया या फिर संबंधित थाना की पुलिस ली तो मामला खटाई में पड़ सकता है।
बस फिर क्या था आलोक मित्तल ने अवैध शराब की इस बड़ी खेप को पकड़ने से पहले अपने आलाधिकारी को भी नहीं बताया। हालांकि बाद में इसके लिए आलोक मित्तल को इसके लिए अपने आलाधिकारियों के कोप का भाजन भी बनना पड़ा। इसी कारनामे के चलते 1996 में चौधरी बंसीलाल ने मित्तल को 1996 में महज तीन साल की नौकरी के बाद ही पंचकूला जैसे अहम जिला का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया था।
यह भी पढ़ें: अमित ने पुलिसकर्मियों के हत्या करने बाद मां को किया फाेन, नहीं मानी सरेंडर करने की नसीहत
यह भी पढ़ें: ज्ञानी हरप्रीत सिंह का बड़ा बयान- खालिस्तान के नाम पर पकड़े गए युवकों की पैरवी करे SGPC
यह भी पढ़ें: बीएसफ जवान की गाड़़ी से गिरकर मौत, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से गहराया सस्पेंस
यह भी पढ़ें: घोषणा हुए बिना सप्ताह भर से कृष्णपाल गुर्जर को मिल रही थीं अध्यक्ष बनने की बधाइयां
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें