साक्षी के संन्यास लेने के बाद बजरंग पुनिया ने PM को लौटाया अपना पद्मश्री पुरस्कार, पत्र लिखकर कहा- यही मेरा स्टेटमेंट है
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने पहलवानी से संन्यास ले लिया है। इसके बाद कई लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। साक्षी के संन्यास लेने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।
जागरण डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने पहलवानी से संन्यास ले लिया है। इसके बाद कई लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। साक्षी के संन्यास लेने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।
बजरंग पूनिया ने एक्स पर एक पत्र लिख कर उसकी फोटो शेयर की है।
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
15 साल बजरंग पुनिया ने अखाड़े में की तपस्या
बजरंग पूनिया द्वारा अपने पद्मश्री पीएम को सौंपने की बात पर लोकदल पार्टी के कद्दावर नेता अभय सिंह चौटाला ने एक्स के माध्यम से कहा कि एक पद्मश्री पाने के लिए 15 साल बजरंग पुनिया ने अखाड़े में तपस्या की है, यूं ही कोई मेडलिस्ट नहीं बनता है। पद्मश्री का त्याग कोई आम बात नहीं, हम इसका महत्व समझते हैं।
पहलवानों की आवाज़ क्यों नहीं सुनी जा रही
उन्होंने कहा कि समाज को और देश को यह सोचना होगा की यह बच्चे किस लिए लड़ रहे हैं? क्यों इनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है? देश में क्यों तानाशाही का माहौल बनाया गया है।
जब देश के लिए मेडल लाने वालों की नहीं सुनी जा रही है तो आम जनता की कितनी सुनी जाती होगी? लोकदल परिवार पहलवानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ पहले भी खड़ा था और अब भी खड़ा है।
हमे इस जुल्म और व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होना होगा।
हमें हर बार आश्वासन दिया जाता था
पहलवान हर किसी के पास गए, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता था। हमने अपने मेडल गंगा में बहाने का भी प्रयास किया। वहां से भी हमें समझा बुझा कर वापिस भेज दिया गया। बजरंग पूनिया ने बताया कि वह लोग गृहमंत्री के पास भी गए थे। उन्होंने भी उनको आश्वासन दिया था कि वह महिला पहलवानों को न्याय दिलाएंगे और फेडरेशन से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे।
बृजभूषण अपना दबदबा होने का दावा कर रहा है
पूनिया ने कहा कि बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण दोबारा काबिज हो गया है। उसने स्टेटमेंट दी है कि दबदबा है और दबदबा बना रहेगा। बृजभूषण अपना दबदबा होने का दावा कर रहा है। इस मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।
हम सभी की रात रोते हुए निकली है
पूनिया ने कहा कि हम सभी की रात रोते हुए निकली है। समझ नहीं आ रहा कि कहां जाएं, क्या करें और कैसे जिएं। मुझे इतना मान सम्मान दिया सरकार ने, लोगों ने। क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं। मुझे पद्मश्री से नवाजा गया। खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। बहुत खुश था, लेकिन आज दुखी हूं।
ये सम्मान आपको लौटा रहा हूं
जिस खेल के लिए महिला खिलाड़ियों को सम्मान मिला आज वहीं त्याग दिया। हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सकते। महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं सम्मानित बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाउंगा। ऐसी जिंदगी ताउम्र कचोटेगी मुझे। इसलिए ये सम्मान आपको लौटा रहा हूं।
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