Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक्शन में हरियाणा सरकार, दिग्विजय चौटाला के बाद 72 और लोगों की हटाई सिक्योरिटी; वापस बुलाए गए 200 से अधिक PSO

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 09:00 PM (IST)

    हरियाणा में दिखावे के लिए पुलिस सुरक्षा लेने वालों से सुरक्षा वापस ली जा रही है। दिग्विजय सिंह चौटाला सहित कई नेताओं से सुरक्षा वापस ली गई है। जिला स् ...और पढ़ें

    Hero Image

    हरियाणा में सिक्योरिटी के नाम पर दिखावा करने वालों पर गिरी गाज, वापस ली गई सुरक्षा।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब स्टेटस सिंबल और शो-ऑफ (दिखावा) के लिए किसी को पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी। ऐसे सभी 'शौकीनों' से सुरक्षा कर्मी तुरंत प्रभाव से वापस लेने का काम शुरू हो गया है।

    दिग्विजय सिंह चौटाला सहित पांच जजपा नेताओं से पीएसओ वापस लेने के बाद विभिन्न जिलों में 72 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इन्होंने धमकियों की दुहाई देते हुए सरकार से पुलिस कर्मचारी लिए हुए थे। जिला स्तर पर समीक्षा के बाद 200 से अधिक पीएसओ को इनकी सुरक्षा से हटाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट एक्स पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि जिन लोगों को वास्तव में किसी से जान की सुरक्षा है तो उन्हें न केवल बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा, बल्कि बचाव के लिए ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।

    सुरक्षाकर्मी दिए जाने से पहले सीआईडी जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट सही मिलने पर ही सुरक्षा दी जाएगी। डीजीपी ने इस संबंध में सभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजीपी), पुलिस महानिरीक्षकों (आईजी), पुलिस आयुक्तों (सीपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) और थाना प्रभारियों (एसएचओ) को निर्देश जारी कर दिए हैं।

    डीजीपी के मुताबिक ऐसे भी लोग हैं जो अपराधियों को प्रश्रय देते हैं, आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और फिर जान का खतरा होने का रोना रोते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करें। अक्सर माल-सिनेमा, शादी-मैयत में कुछ फुकरे लोग पुलिस सुरक्षा का शो-ऑफ करते दिख जाते हैं। ऐसे तिकड़मियों को ब्लैक लिस्ट कर दें। फोर्स में वैसे ही मानव बल की कमी रहती है। इन्हें बेकार के काम में लगाने का क्या मतलब है।

    आदेशों में कहा गया है कि कानून के पाबंद जिन लोगों को गुंडों से खतरा है, उनकी प्रभावी रक्षा करें। उनसे लगातार संपर्क रखें। बंदूक का लाइसेंस और ट्रेनिंग दिला दें। बचाव के लिए उपाय एवं डेली रूटीन के लिए गाइड करें।

    निजी सुरक्षा बारीक जांच और सीआईडी के थ्रेट असेसमेंट के बाद ही दें। ऐसी तैनाती की साप्ताहिक समीक्षा करें। पुलिस का मूल काम है अपनी फोर्स को बदमाशों से भिड़ाए रखना। अगर इनको आपने कुछ ही लोगों के घरों के आगे बिठा दिया तो बाकी आमजन का सुरक्षा घेरा कमजोर पड़ जाएगा।

    आंधी-तूफान आते रहेंगे, बचाव खिड़की-दरवाजे बंद करने में

    डीजीपी ने पत्र में शायरना अंदाज में लिखा है कि आंधी-तूफान आते रहेंगे, बचाव खिड़की-दरवाजे बंद करने में है। पेशेवर बदमाशों के लिए धमकी-वसूली एक धंधा है। आपको उनकी दुकान बंद करनी है। जो फरार हैं, उन्हें ढूंढ़-ढूंढ़ कर जेल में ठूंसे।

    अपने इलाके में रह रहे उनके चेले-चपाटों का पक्का इलाज बांधें। बगैर इनके कुछ नहीं हो सकता। इनको फुल टाइट करें। इसका सबसे कारगर तरीका ये है कि जैसे फुटबाल में होता है। आप गुंडों और उनके गुर्गों की मैन-टू-मैन मार्किंग करें। जेल में हों, बेल पर हों या फरार हों, उन पर लगातार निगरानी रखें।

    बदमाशों के पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे

    डीजीपी ने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो अपराधी बेल पर बाहर हैं, उनकी अवैध प्रापर्टी जब्त करें। नाजायज कब्जे ढहायें, पासपोर्ट जब्त करें, हिस्ट्री शीट अपडेट करें और उनके मिलने-जुलने वालों का हिसाब रखें।

    जो बदमाश आपकी जानकारी में हैं और आपके इलाके में वारदात की हिमाकत कर जाएं तो मैं इसे आपकी कोताही मानूंगा। जो फरार हैं, उन्हें भगोड़ा घोषित कराएं और उनके संपत्ति की कुर्की करें। उनके खिलाफ लुक आउट/रेड कार्नर नोटिस जारी करें, जिनसे वे देश छोड़कर भाग ना जाएं।