हरियाणा में जिला जजों को सुरक्षा देने से प्रशासन ने किया इनकार, हाईकोर्ट ने लिया एक्शन
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासनिक ड्यूटी पर तैनात न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा न मिलने पर स्वत संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने यूटी प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने बिल्डिंग कमेटी के प्रस्ताव पर यह संज्ञान लिया जिसमें अधिकारियों को अपेक्षित सुरक्षा न मिलने की बात कही गई थी। कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा से जुड़ा मामला बताया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट में प्रशासनिक ड्यूटी पर तैनात न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा न दिए जाने के मामले में स्वत संज्ञान लिया है।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायाधीश संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा कि हम मानते है कि हाईकोर्ट में प्रतिनियुक्ति पर तैनात हरियाणा पंजाब के न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन की जिम्मेदारी है।
खंडपीठ ने इस संबंध में यूटी प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के हलफनामे के जरिए जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने यह संज्ञान दरअसल उस प्रस्ताव पर लिया, जिसे हाई कोर्ट की बिल्डिंग कमेटी ने पारित किया था। इस प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया था कि जिला न्यायपालिका के कई अधिकारी जो हाई कोर्ट में प्रतिनियुक्ति पर प्रशासनिक कार्य देख रहे हैं, उन्हें अपेक्षित सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।
कोर्ट ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का प्रश्न है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया और संस्थान की गरिमा से भी जुड़ा हुआ मामला है। इसीलिए प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से कदम उठाने होंगे।
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