Adampur Assembly By-Election: रोचक होगा आदमपुर का दंगल, मनोहर, हुड्डा, केजरीवाल व बिश्नोई की साख दांव पर
Adampur Assembly By-Election आदमपुर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भजन लाल परिवार पहली बार सत्ता में रहकर विपक्षी दलों के खिलाफ चुनाव लड़ेगा। चुनाव में मनोहर लाल हुड्डा केजरीवाल व बिश्नोई की साख दांव पर है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा के साथ ही हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा से राजनीतिक सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल का गढ़ माने जाने वाले आदमपुर में 24 साल के भीतर यह चौथा उपचुनाव होगा, जबकि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के मौजूदा कार्यकाल में बरौदा व ऐलनाबाद के बाद तीसरा उपचुनाव होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के लिए यह चुनाव खास अहमियत रखते हैं। आदमपुर के चुनावी रण में इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
आदमपुर में अभी तक 1996, 2008 और 2011 हुए तीन उपचुनाव में स्व. भजनलाल का परिवार ही जीतता आया है। वह भी सत्तारूढ़ दलों के खिलाफ। यह पहला मौका है, जब भजनलाल का परिवार सत्ता में भागीदार होने के रूप में उपचुनाव चुनाव लड़ेगा और उसका मुकाबला विपक्षी दलों के उम्मीदवारों से होगा।
इस बार आदमपुर उपचुनाव की खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी यहां अपना उम्मीदवार उतारने जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों अपने हिसार दौरे के दौरान उपचुनाव की जमीन तैयार कर चुके हैं। करीब 18 साल से सत्ता से दूर चल रहे इनेलो को भी आदमपुर में कम नहीं आंका जा सकता।
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई द्वारा आदमपुर सीट से इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने की वजह से यहां उपचुनाव होगा। कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस के टिकट पर हिसार से लोकसभा चुनाव हार चुके अपने बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से चुनाव लड़वाना चाहते हैं।
हालांकि भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा को भव्य बिश्नोई के नाम पर आपत्ति हो सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आशीर्वाद के चलते भव्य बिश्नोई भाजपा-जजपा गठबंधन के साझे उम्मीदवार हो सकते हैं। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का भव्य को खुला आशीर्वाद मिलेगा, इसकी संभावना बहुत कम है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेस हाईकमान भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा में खुलकर खेलने के अधिकार दे चुका है। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान हुड्डा की पसंद के ही हैं। स्व. भजनलाल के स्थान पर भूपेंद्र हुड्डा को 2005 में मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के खिलाफ कुलदीप बिश्नोई अपने पिता के साथ मिलकर अलग पार्टी हजकां बना चुके हैं।
हालांकि बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया था, लेकिन इस बार हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज होकर कुलदीप ने राहुल गांधी और भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया था।
कुलदीप के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगी भूपेंद्र हुड्डा
भूपेंद्र हुड्डा की कोशिश भी कुलदीप को किसी सूरत में आदमपुर से चुनाव न जीतने देने की होगी। कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह, पूर्व मंत्री जयप्रकाश जेपी, पूर्व सांसद पंडित रामजी लाल के भतीजे चंद्रप्रकाश, पूर्व विधायक कुलबीर बेनीवाल और संपत सिंह के बेटे गौरव संपत सिंह के नाम चर्चा में हैं। कांग्रेस की कोशिश कुलदीप बिश्नोई के बड़े भाई पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई को आदमपुर से चुनाव लड़वाने की है, लेकिन चंद्रमोहन इसके लिए तैयार होंगे, यह मुश्किल लग रहा है।
अरविंद केजरीवाल और अभय चौटाला खलेंगे नया दांव
भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस का उम्मीदवार तय करने के लिए यहां ग्राउंड सर्वे शुरू कराया है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिष्ठा से भी यह चुनाव जुड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी आदमपुर में पूर्व प्रत्याशी सतेंद्र सिंह पर दांव खेल सकती है। हालांकि करीब आधा दर्जन नए बायोडाटा का अरविंद केजरीवाल स्वयं आकलन कर रहे हैं।
इनेलो अपने पुराने उम्मीदवार कुलदीप बेनीवाल को आदमपुर में चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर सकता है। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला आदमपुर के चुनाव को बिल्कुल भी हलके में नहीं लड़ेंगे। कुल मिलाकर आदमपुर का चुनावी दंगल काफी रोचक होने जा रहा है।