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    पानीपत के समालखा में सड़क हादसे में चंडीगढ़ के युवक-युवती की मौत, दोनों इंजीनियर थे

    By dd jha Edited By: Sohan Lal
    Updated: Thu, 14 Aug 2025 06:43 PM (IST)

    पानीपत के समालखा के पास जीटी रोड पर हुए सड़क हादसे में वृंदावन जा रहे चंडीगढ़ के दो इंजीनियरों की मौत हो गई। उनकी बाइक एक अज्ञात वाहन से टकरा गई। दोनों पड़ोसी थे और एक साथ काम करते थे। दीपक अपने परिवार का एकमात्र सहारा था जबकि चित्राक्षी अपने पिता और दिव्यांग बहन की देखभाल करती थी।

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    वीरवार सुबह करीब सात बजे हुआ हादसा। युवक-युवती जा रहे थे वृंदावन।

    जागरण संवाददाता, समालखा। पानीपत के समालखा में हुए सड़क हादसे में चंडीगढ़ निवासी एक युवक व युवती की मौत हो गई। दोनों इंजीनियर थे और चंडीगढ़ के आईटी पार्क में एक साथ नौकरी करते थे। हादसा वीरवार सुबह करीब सात बजे हुआ। दोनों एक बाइक पर वृंदावन जा रहे थे। 

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    जीटी रोड के दिल्ली लेन पर डीडब्ल्यूपीएस स्कूल के सामने मनाना फ्लाइओवर पर चढ़ते समय अज्ञात वाहन की साइड लगने से उनकीबाइक पुल की आरसीसी रेलिंग से टकरा गई। हादसे में रोड पर गिरने से एक युवक और युवती की मौत हो गई।

    चंडीगढ़ के सेक्टर 30-बी निवासी 24 वर्षीय दीपक शर्मा और 23 वर्षीय चित्राक्षी उर्फ चक्षु वीरवार सुबह करीब चार बजे अपने घर से वृंदावन के लिए निकले थे। दोनों पड़ोसी भी थे। पेशे से इंजीनियर थे। चंडीगढ़ के आईटी पार्क में एक साथ नौकरी भी करते थे।

    सुबह सात बजे के करीब मनाना फ्लाईओवर पर चढ़ते समय पास से गुजर रहे अज्ञात वाहन की साइड लगने से उनकी बाइक असंतुलित होकर पुल की रेलिंग से टकरा गई। हादसे के बाद बाइक वहीं रोड पर गिर गई। दोनों करीब 50 फीट आगे तक फिसलते रहे। हेलमेट होने के बावजूद दोनों को गंभीर चोटें लगी।

    राहगीरों ने दोनों को 300 मीटर दूस स्थित उपमंडल अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डाक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों के बयान पर मुकदमा दर्ज कर शव को पानीपत के शवगृह में रखवा दिया है। जांच अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि युवक के परिजनों के विलंब से आने के कारण पोस्टमार्टम होना संभव नहीं लगता है।

    तीन बहनों का इकलौता भाई था दीपक

    दीपक शर्मा तीन बहनों का इकलौता भाई था। परिवार की सारी जिम्मेदारी उस पर थी। वहीं चित्राक्षी दो बहनों में छोटी थी। मां की करीब एक दशक पहले मौत हो चुकी थी। पिता गुलशन एसी मैकनिक हैं। पिता ने ही इसे मेहनत कर पढ़ाया था। बड़ी बहन के दिव्यांग होने से पिता सहित परिवार की जिम्मेदारी चित्राक्षी के कंधों पर थी। फूफा गोपाल कृष्ण के अनुसार दीपक और चित्राक्षी की शादी की बात भी चल रही थी। दोनों परिवार में अच्छा संबंध था।