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    पंचकूला में शिक्षका पर बच्चों से मारपीट का आरोप, डीसी व शिक्षा विभाग तक पहुंचा मामला, जांच के बाद निपटा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 06:33 PM (IST)

    पंचकूला के एक सरकारी स्कूल में कक्षा 8 के छात्रों ने अंग्रेजी की शिक्षिका पर मारपीट का आरोप लगाया। शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी गठित की। जांच में चोटें पुरानी पाई गईं। दोनों पक्षों में आपसी सहमति से समझौता हो गया और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की चेतावनी दी गई। स्कूल प्रशासन ने पढ़ाई और अनुशासन के महत्व पर जोर दिया।

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    कमेटी ने जांच की तो बच्चों की चोटें पुरानी निकली। समझौते के बाद निपटा मामला।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। सेक्टर-17 स्थित सरकारी स्कूल की कक्षा 8-बी में पढ़ने वाले करीब 30 बच्चों ने अपनी इंग्लिश टीचर पर क्लास के दौरान मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए। मामला पूर्व विधानसभा अध्यक्ष से लेकर डीसी और शिक्षा विभाग तक पहुंच गया। जांच कमेटी ने पता किया तो बच्चों की चोटें पुरानी निकली। इसके बाद सख्त हिदायत देकर मामले का निपटारा किया गया।

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    बच्चों का कहना था कि टीचर पढ़ाई के दौरान गुस्सा होकर उनसे अभद्र व्यवहार करती हैं और कई बार हाथ उठा देती हैं। शुक्रवार को मामला तूल पकड़ गया और बच्चे सीधे हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञानचंद गुप्ता के सेक्टर 17 घर शिकायत लेकर पहुंचे। यह मामला जिला उपायुक्त सतपाल शर्मा तक भी पहुंचा और शिक्षा विभाग के पास भी इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई।

    शिकायत के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक जांच कमेटी का गठन किया। शनिवार सुबह डिप्टी एजुकेशन ऑफिसर, क्लस्टर हेड, स्कूल इंचार्ज और अन्य अधिकारियों की टीम स्कूल पहुंची। टीम ने सबसे पहले बच्चों और उनके परिजनों से बातचीत की और उनकी शिकायतों को सुना। इसके बाद कमेटी ने इंग्लिश टीचर से भी अलग से पूछताछ की।

    स्कूल इंचार्ज पवन कुमार ने बताया कि जांच के दौरान बच्चों द्वारा दिखाई गई चोटें पुरानी पाई गईं। इस बात को बच्चों के अभिभावकों ने भी माना। उन्होंने कहा कि टीचर पढ़ाई के दौरान गुस्सा करते ही हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने दोनों पक्षों की बात सुनी और अंततः आपसी सहमति से समझौता हो गया। स्कूल इंचार्ज पवन कुमार ने बताया कि बच्चों और टीचर दोनों को भविष्य में इस तरह की हरकत न करने की सख्त चेतावनी दी गई है। स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि बच्चों की पढ़ाई और अनुशासन दोनों जरूरी हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि टीचर को भी पढ़ाई के समय संयम बरतना चाहिए।