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    दक्षिण हरियाणा के रामपुरा में लगेगी आधुनिक मिल, सरसों उत्पादन वाले छह जिलों के किसानों को होगा लाभ

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 03:50 PM (IST)

    हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ (हैफेड) रेवाड़ी जिले के रामपुरा में सरसों तेल की एक आधुनिक मिल स्थापित करेगा जिसकी क्षमता 150 टीपीडी होगी जिसे 300 टीपीडी तक बढ़ाया जा सकता है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी सहभागिता मॉडल पर आधारित होगी और 18 महीनों में चालू होने की उम्मीद है।

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    अनुबंध प्रदान किए जाने की तिथि से 18 महीने के भीतर मिल चालू होने की उम्मीद।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ (हैफेड) दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रामपुरा में सरसों के तेल की अत्याधुनिक मिल स्थापित करेगा। तेल मिल की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 150 टन प्रतिदिन (टीपीडी) होगी, जिसे 300 टीपीडी तक बढ़ाया जा सकेगा। यह परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) आधार पर सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) माॅडल के तहत क्रियान्वित की जाएगी।

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    हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तेल मिल को स्थापित करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि यह संयंत्र अनुबंध प्रदान किए जाने की तिथि से 18 महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है। संयंत्र में विश्वस्तरीय प्रसंस्करण मानक अपनाए जाएंगे और कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। रेवाड़ी जिले का रामपुरा क्षेत्र भिवानी, महेंद्रगढ़, हिसार, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी जैसे प्रमुख सरसों उत्पादक जिलों से जुड़ा हुआ है।

    यह जिले संयुक्त रूप से हरियाणा के कुल तोरिया-सरसों उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं, जिससे तेल मिल को कच्चे माल की आसानी से पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। तेल मिल की वार्षिक आवश्यकता 45 हजार टन होगी, जो कैचमेंट क्षेत्र की उपलब्धता का लगभग 10 प्रतिशत है। इस प्रकार, संयंत्र का संचालन नियमित और स्थिर रहेगा।

    प्रस्तावित स्थल कैचमेंट क्षेत्र से 200 किलोमीटर की परिधि में स्थित है और बेहतरीन सड़क तथा रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। इससे सुचारू खरीद, परिवहन और वितरण के साथ-साथ प्रदेश के तिलहन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता और सुदृढ़ होगी। बैठक में नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार और हैफेड के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार ने मुख्य सचिव के साथ तेल मिल स्थापित करने की प्रक्रिया पर अपने सुझाव दिए।