अरावली की पहाड़ियों में बनेगी डबल टनल, एक साथ दो ट्रेनें करेंगी सफर; पलवल-नूंह और सोनीपत से होगी सीधी कनेक्टिविटी
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने राज्य की प्रमुख रेल परियोजनाओं की समीक्षा की। गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों में डबल टनल बनेगी, जिससे पलवल, ...और पढ़ें
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गुरुग्राम: अरावली में डबल टनल से पलवल, नूंह और सोनीपत से सीधी रेल कनेक्टिविटी
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआइडीसी) के अध्यक्ष के नाते राज्य की प्रमुख रेल अवसंरचना परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
हरियाणा आर्बिटल रेल कारपोरेशन (एचओआरसी) परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन सुरंग यात्री यातायात के लिए अपने क्रास-सेक्शन के लिहाज से क्षेत्र की सबसे बड़ी सुरंगों में से एक है। गुरुग्राम जिले में अरावली की पहाड़ियों में डबल टनल बनेगी, जिसमें एकसाथ दो ट्रेन गुजर सकेंगी।
इस सुरंग की ऊंचाई करीब 25 मीटर होगी। 2026 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की योजना है। इस ट्विन टनल के बनने के बाद गुरुग्राम की पलवल, नूंह और सोनीपत की रेल मार्ग से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। सुरंग का निर्माण कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ने का दावा सरकार ने किया है।
वर्तमान में आठ सक्रिय फेस से कार्य किया जा रहा है तथा दो अतिरिक्त फेस विकसित किए जा रहे हैं। न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड के माध्यम से निर्मित की जाने वाली कुल 7,200 मीटर लंबी सुरंग में से अब तक 3,773 मीटर यानी कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक भाग की खुदाई की जा चुकी है।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी एचआरआइडीसी के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक ले रहे थे। बैठक में बताया गया कि कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना निष्पादन के अंतिम चरण में है। वायाडक्ट से संबंधित सभी सिविल, ट्रैक, सिग्नलिंग एवं टेली कम्युनिकेशन तथा ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
एलिवेटेड प्लेटफार्म का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पूर्ण किए गए कार्यों का शीघ्र ही उत्तरी रेलवे द्वारा तकनीकी निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण होगा। रस्तोगी ने एचआरआइडीसी द्वारा हासिल विशेषज्ञता की सराहना करते हुए अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में काम करने का सुझाव दिया।
बैठक में अवगत कराया गया कि इस्टर्न आर्बिटल रेल कारिडोर, जो सोनीपत से पलवल वाया बागपत, गाजियाबाद एवं गौतमबुद्ध नगर तक प्रस्तावित है, उसके अध्ययन हेतु संरेखण (एलाइइमेंट) को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। कारिडोर का व्यवहार्यता अध्ययन अग्रिम चरण में है। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर परियोजना का मानेसर–पातली खंड तथा मारुति रेलवे यार्ड जून 2025 में चालू किया जा चुका है।
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अब तक मानेसर स्थित मारुति प्लांट से 372 रैक लोड किए जा चुके हैं। इसके साथ ही हरियाणा आर्बिटल रेल कारपोरेशन को राजस्व प्राप्त होना भी शुरू हो गया है। परियोजना के लिए चरण-I (सैद्धांतिक) वन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा अरावली संबंधी स्वीकृति हेतु भी अनुमोदन के लिए आवेदन किया गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि भूमि मुआवजा वितरण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भूमि अवार्ड की कुल 1,878 करोड़ रुपये की राशि के मुकाबले अब तक 1,533 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, मध्यस्थता अवार्ड के अंतर्गत 99 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।
परियोजनाओं की समग्र प्रगति का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इन रेल कारिडोरों से क्षेत्रीय संपर्क सुदृढ़ होगा, आर्थिक विकास को गति मिलेगी तथा नागरिकों के आवागमन में सुधार होगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता और लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल भी शामिल रहे।

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