द्रोपदी कुंड में स्नान करने उमड़े लोग
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पिंजौर, संवाद सहयोगी : पिंजौर में मकर संक्राति बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। पाडव कालीन द्रोपदी कुंड में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही। धारा मंडल तालाब के द्रोपदी कुंड व अर्जुन कुंड में सैकड़ों लोगों ने स्नान किया। नवाशहर से आए उत्तम सिंह, जगीर सिंह, जसवंत सिंह ने बताया कि यहा पर मकर संक्राति के दिन स्नान करने से लोगों को बीमारियों से राहत मिलती है और पुण्य भी मिलता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हजारों वर्ष पहले महाभारत काल में पाडवों ने अज्ञात वास का अंतिम वर्ष पिंजौर व आस पास के क्षेत्र में ही बिताया था। पाडवों ने द्रोपदी के स्नान के लिए बाण से इस जगह से जल धारा निकाली थी। यहा पर गंगा प्रकट हुई थी। तभी से इस कुंड का नाम द्रोपदी कुंड पड़ा। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस पानी को गंगा जल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। आज मकर संक्र ांति के उपलक्ष्य में गाव सूरजपुर, धमाला, करनपुर, जोहलूवाल, मढ़ावाला, प्रेमपुरा, न्यू सैनी कालोनी के पास भडारे लगाए गए। गुरुद्वारा मंजीसाहिब में भी मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में लंगर लगाया गया। पंडित जीवन शर्मा ने बताया कि मकर राशि में जब सूर्य प्रवेश करते हैं तो इसी दिन पृथ्वी पर मकर संक्राति मनाई जाती है। इस दिन पूजा दान यज्ञ तथा जाप करने को शुभ फलदायी माना गया है। इस दिन तिलों से मिश्रित जल में स्नान करना तिलों से भोजन करना हवन करना तिलों को दान करना पापनाशक माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन ग्रीक के लोग इस दिन वर वधू को संतान वृद्धि के लिए तिलों से बने पकवान भी बाटते हैं।
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