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    Haryana News: 40 हजार बुजुर्गों ने दिखाया बड़ा दिल, 100 करोड़ रुपये की छोड़ी पेंशन; CM मनोहर लाल ने बड़प्पन को किया सलाम

    By Sudhir TanwarEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Sat, 25 Nov 2023 09:28 PM (IST)

    वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का पात्र होते हुए भी पेंशन लेने से इंकार करने वाले वरिष्ठजनों से मुख्यमंत्री ने संवाद किया। हरियाणा में 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने इस पेंशन राशि को लेने से इंकार कर दिया। इस सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बुजुर्गों के त्याग से बची धनराशि वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रमों पर खर्च होगी एक जनवरी से तीन हजार रुपये बुढ़ापा पेंशन मिलेगी।

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    40 हजार बुजुर्गों ने दिखाया बड़ा दिल, 100 करोड़ रुपये की छोड़ी पेंशन (फाइल फोटो)।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के 40 हजार बुजुर्गों ने बड़ा दिल दिखाया है। वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का पात्र होते हुए भी इन बुजुर्गों ने पेंशन लेने से इंकार कर दिया। इससे सरकार के हर साल करीब 100 करोड़ रुपये बचेंगे। इन वरिष्ठजनों के बड़प्पन को सलाम करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि बुजुर्गों के त्याग से बची धनराशि वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रमों पर खर्च की जाएगी।

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    मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत पेंशन का त्याग करने वाले बुजुर्गों से ऑडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद में कहा कि आप जैसे लोग देश व समाज की सच्ची शक्ति हैं। सेवा के भाव से इस बची हुई राशि को 22 जिलों में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सेवा आश्रमों में लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव मोड में करने के बाद 60 साल की आयु के पात्र लोगों से उनकी पेंशन शुरू करने के लिए सहमति देने बारे संपर्क किया गया तो 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने यह पेंशन लेने से मना कर दिया है। यह सेवा एवं त्याग की भावना को दर्शाता है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में बुजुर्गों को 2,750 रुपये की दर से प्रतिमाह पेंशन दी जाती है जिनकी आयु 60 वर्ष अधिक हो जाती है और वार्षिक आय तीन लाख से कम होती है। पहली जनवरी से पेंशन तीन हजार रुपये दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पतालों में सीनियर सिटीजन कॉर्नर बनाए गए हैं। बुजुर्ग बीमार हो जाता है तो अस्पताल जाता है। आमतौर पर अस्पतालों में भीड़ रहती है और बुजुर्ग को लाइन में लगकर पर्ची बनवाना व अन्य काम करवाना बहुत मुश्किल होता है। सीनियर सिटीजन कार्नर में पर्ची बनवाने से लेकर दवाई दिलाने तक का काम किया जाता है।

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    बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बनाई प्रहरी योजना

    80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए 'प्रहरी' योजना शुरू की गई है। प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के तीन लाख 30 हजार बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग तो ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। 'प्रहरी' योजना में इन बुजुर्गों की कुशल क्षेम जानने के लिए सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, संपत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी, तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी। यदि कोई सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी प्रहरी योजना से जुड़ना चाहता है तो वह डायल 112 पर कॉल करके जुड़ सकता है।

    14 जिलों में बनेंगे सेवा आश्रम

    अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल 'वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम' योजना के तहत सेवा आश्रमों में की जाएगी। रेवाड़ी में एक ऐसा आश्रम खोला जा चुका है और एक अन्य करनाल में निर्माणाधीन है। इसके अलावा 14 जिलों में इनके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है। वरिष्ठ नागरिकों की सेवा के लिए रेड क्रास सोसायटी द्वारा पानीपत, अंबाला व पंचकुला में ओल्ड एज होम चलाये जा रहे हैं। पंचकुला में श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा भी ओल्ड एज होम चलाया जा रहा है। इसके अलावा 13 जिलों भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकुला, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर और बहादुरगढ़ में 14 डे-केयर सेंटर कार्यरत हैं।

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