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    हरियाणा में 4 हजार कच्चे कर्मचारियों को 11 महीने से काम न वेतन, विधानसभा में नायब सरकार को घेरने की तैयारी

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    हरियाणा में सिटीजन रिसोर्स इंफोर्मेशन डिपार्टमेंट के तहत काम करने वाले चार हजार लोकल ऑपरेटरों को 11 महीने से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारी यूनियन ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और विधानसभा में मामला उठाने का आग्रह किया। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें न तो काम मिल रहा है और न ही उचित वेतन जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।

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    चार हजार कच्चे कर्मचारियों को 11 महीने से काम न वेतन का मुद्दा विधानसभा में उठेगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सिटीजन रिसोर्स इंफोर्मेशन डिपार्टमेंट और परिवार पहचान पत्र अथॉरिटी के तहत लगे चार हजार लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर (एलसीएलओ) को 11 महीने से न काम मिला है और न वेतन।

    अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा के साथ एलसीएलओ-सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के शिष्टमंडल ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। हुड्डा ने मामला विधानसभा में उठाने का भरोसा दिलाया है।

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    लांबा ने बताया कि सात हजार क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर (सीपीएलओ) का चयन किया था, जिन्हें ग्राम सचिवालयों में नियुक्त किया जाना था। यह कर्मचारी परिवार पहचान पत्र से जुड़े कार्य, जैसे आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, पेंशन वेरिफिकेशन का कार्य करते।

    बाद में इनमें से करीब साढ़े तीन हजार को सीपीएलओ का आफर आफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया गया, जबकि आधे को पदनाम बदलकर एलसीएलओ बना दिया गया। चार हजार एलसीएलओ में से मार्च 2024 में करीब 2700 की लोकल पंचायतों में ज्वाइनिंग हो गई और 1300 की ज्वाइनिंग ही नही हुई।

    विधानसभा चुनाव के बाद पद ग्रहण करने वाले 2700 को भी काम नहीं दिया गया और 1300 की तो ज्वाइनिंग ही नही हुई। इसलिए पिछले करीब एक साल से सीपीएलओ पद के लिए चयनित, जिनका पदनाम बदलकर एलसीएलओ बनाया, को ना त कोई मानदेय/वेतन मिल रहा है और न ही कोई काम दिया जा रहा है। सीपीएलओ को केवल 6000 वेतनमान दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है।