राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रयास से इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कोर्स के 28 विद्यार्थी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का शैक्षिक भ्रमण करेंगे। यह दल 22 सितंबर की सुबह दिल्ली से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरेगा और 23 सितंबर को इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) में होगा।
जहां उन्हें विश्व स्तरीय उपग्रह निर्माण और अंतरिक्ष तकनीक के विभिन्न आयामों की जानकारी दी जाएगी। चंद्रयान-3 की सफलता ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचता है। ऐसे समय में विद्यार्थियों को इसरो से सीधे जुड़ने का अवसर मिलना न केवल उनके करियर बल्कि राज्य की तकनीकी शिक्षा व्यवस्था के लिए भी अहम होगा।
भ्रमण के दौरान विद्यार्थी उपग्रहों की डिजाइन और संचालन प्रक्रिया को नजदीक से देखेंगे। दल का नेतृत्व तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक प्रभजोत सिंह करेंगे जबकि उप निदेशक हरिदास कटारिया और उप निदेशक अमृता सैनी भी साथ मौजूद रहेंगे।
दल में 11 छात्राएं और 17 छात्र शामिल हैं। यह पहल तकनीकी शिक्षा विभाग के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें छात्रों को सिर्फ कक्षा तक सीमित न रखकर प्रायोगिक और वैश्विक अनुभव से जोडऩे पर बल दिया जा रहा है। इस दल में प्रदेश के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेजों के 28 टापर बच्चे शामिल हैं।
जिनकी इसरो यात्रा का तमाम खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहली बार हरियाणा से विद्यार्थियों को इसरो भ्रमण का मौका मिला है।
इस दल में विद्यार्थी शीतल, अंजली, सागर, केशव राणा, नीलम देवी, मनोज कुमार, गीतिका बतरा, प्रियंका मिश्रा, लक्षिता वतरा, संजू, दीक्षांत शर्मा, विशाल यादव, सचिन, लुभांशी, अमन श्रीवास्तव, निखिल, कनव, कोमल, कवी, प्रिंस शर्मा, रिया, गौरव, योगेश कुमार, विक्रम कुमार पटेल, उमेश, आदित्य, अमन और चाहत सिवाच शामिल हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।