'577 करोड़ की 22 परियोजनाएं अभी तक अधूरी', स्मार्ट सिटी की धीमी गति पर कुमारी सैलजा ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव सैलजा ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करनाल और फरीदाबाद में 577 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाओं के अधूरी होने पर सवाल उठाया। केंद्रीय मंत्री ...और पढ़ें
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577 करोड़ की 22 परियोजनाएं अभी तक अधूरी- कुमारी सैलजा
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में स्मार्ट सिटी मिशन की धीमी गति पर सवाल उठाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव सैलजा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करनाल और फरीदाबाद में 577 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाएं अभी भी अधूरी पड़ी हैं, जबकि इनकी तय समयसीमा दिसंबर रखी गई थी।
जवाब में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री टोक्हान साहू ने स्वीकार किया कि दोनों शहरों में कुल 161 परियोजनाएं स्वीकृत की गईं थी, इनमें से 139 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन परियोजनाओं के लिए 2136 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें से अब तक 1559 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
शेष 22 परियोजनाएं लगभग 577 करोड़ रुपये की निर्माणाधीन हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि करनाल और फरीदाबाद ने मिलकर 980 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का दावा किया था, जिनमें से 921 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है।
मंत्रालय ने दोनों शहरों में प्रोजेक्ट संभाल रही कंपनियों को सलाह दी है कि सभी परियोजनाएं दिसंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं।
मंत्री की ओर से जवाब में बताया गया कि करनाल में कुल 117 परियोजनाए स्वीकृत थीं, जिनमें से 105 परियोजनाएं (801 करोड़ रुपये) पूरी हो चुकी हैं। 12 परियोजनाएं (406 करोड़ रुपये) अब भी लंबित हैं। करनाल अभी तक अपनी 59 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का उपयोग नहीं कर पाया है।
फरीदाबाद में 44 में से 34 परियोजनाएं (758 करोड़ रुपये) पूरी हुई हैं, जबकि 10 परियोजनाएं (171 करोड़ रुपये) निर्माणाधीन हैं।
सांसद सैलजा ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी का मतलब केवल फंड जारी करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध जनहितकारी विकास सुनिश्चित करना होता है। भाजपा सरकार की नीतियों ने इस मिशन को अधूरे प्रोजेक्ट्स और अनुत्तरित सवालों तक सीमित कर दिया है।
सैलजा ने केंद्र से पूछा कि जब स्मार्ट सिटी जैसे महत्वपूर्ण शहरी विकास कार्यक्रम में इतनी अधिक देरी हो रही है, तो समयसीमा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

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