Nikita Murder Case: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज फैसले से संतुष्ट नहीं, दिए अहम संकेत
Nikita Murder Case निकिता तोमर हत्याकांड में आए जिला अदालत के फैसले से हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद उच्च अदालत में फैसले को चुनौती दी जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। Nikita Murder Case: मतांतरण विरोधी कानून बनाने की तैयारी कर रहे हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज निकिता तोमर हत्याकांड में जिला अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने अदालत का फैसला आने के बाद साफ कह दिया कि इस पर कानूनी राय ली जा रही है। अध्ययन पूरा होने के तुरंत बाद निकिता के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने के लिए उच्च अदालत का सहारा लिया जाएगा।
फरीदाबाद की निकिता तोमर के हत्यारों तौशीफ और रेहान को जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है तथा 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि तीसरे आरोपित को दोषमुक्त करार दिया है। गृह मंत्री के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद ने फरीदाबाद की जिला अदालत के इस फैसले पर हैरानी जताई है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन और प्रवक्ता विनोद कुमार बंसल ने कहा कि मानवता को शर्मसार कर देने वाले निकिता तोमर हत्याकांड के अपराधियों को फांसी से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है।
विहिप नेताओं ने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि तीनों अपराधियों को फांसी की सजा मिलेगी, लेकिन अदालत ने एक अपराधी को दोषमुक्त पाया तो दो को उम्र कैद सरीखी मामूली सजा में टाल दिया है। इन अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए विहिप अपने स्तर पर प्रयास करेगी और जो भी कानून सम्मत होगा, उसे अमल में लाया जाएगा। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा सरकार मतांतरण विरोधी कानून बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। हम उम्मीद कर रहे थे कि निकिता के हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी, लेकिन अब इस फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती दिलाई जाएगी।
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विज ने कहा कि राज्य में जल्द ही मतांतरण विरोधी कानून बनाया जाएगा। यह इसी बजट सत्र में बनाया जाने वाला था, लेकिन कुछ कमियों की वजह से रह गया। इसकी खामियों को दूर कर लिया गया है। जल्द ही अध्यादेश लाकर अथवा अगले सत्र में यह कानून बना दिया जाएगा।
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बता दें, भाजपा की सहयोगी पार्टी जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में यह कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले कहा था कि यदि कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करता है तो उस पर यह कानून लागू नहीं होना चाहिए और न ही इस कानून में लव जिहाद सरीखे शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए, जिसके बाद गृह मंत्री विज ने साफ कर दिया था कि कानून में लव जिहाद शब्द का जिक्र ही नहीं है।
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