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हरियाणा फिर अफसरों और मंत्रियों के बीच खींचतान, विज के बाद अब दुष्‍यंत चौटाला का हुआ टकराव

हरियाणा में अफसरशाही और मंत्रियों के बीच फिर विवाद पैदा हो गया है। राज्‍य में दोनों के बीच खींचतान बढ़ने के बाद सीएमओ सक्रिय हो गया है। सीएमओ ने दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच का आदेश दिया है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 08:45 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 01:36 PM (IST)
हरियाणा फिर अफसरों और मंत्रियों के बीच खींचतान, विज के बाद अब दुष्‍यंत चौटाला का हुआ टकराव
हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की अफसरशाही और राजनेताओं के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है। अभी तक गृह मंत्री अनिल विज और अधिकारियों के बीच खींचतान चली आ रही थी। अब उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और अधिकारी आपस में टकराने लगे हैं। उप मुख्यमंत्री ने 1991 बैच के एक सीनियर आइएएस अधिकारी के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए उनके खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दो पत्र लिखे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इन चिट्ठियों को मामले की गहराई से पड़ताल करने के लिए मुख्य सचिव विजयवर्धन के पास भेज दिया गया है।

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डिप्टी सीएम ने सीनियर आइएएस को निलंबित करने को सीएम को लिखे पत्र

भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्रियों और अधिकारियों के बीच खूब खींचतान हुई। सांसदों और विधायकों ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तथा संगठन की बैठकों में अफसरशाही के हावी होने की कई बार शिकायतें की। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी यह खींचतान कम नहीं हुई। विधायकों के अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने के बाद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने ऐसे अफसरों की शिकायत सीधे उन्हें करने संबंधी आदेश जारी किए।

सीएमओ ने दोनों शिकायतों की पड़ताल के लिए मुख्य सचिव को दिए निर्देश

कुछ शिकायतें हुई भी, लेकिन अधिकारियों के रवैये में अपेक्षित सुधार हो पाया है, ऐसा नजर नहीं आता। इसके लिए हालांकि काफी हद तक जनप्रतिनिधि भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। कई बार अधिकारियों से ऐसे काम करने को कहा जाता है, जो कानूनी या तकनीकी रूप से करने संभव नहीं हो पाते, जबकि अधिकतर मामलों में अधिकारी काम करके राजी ही नहीं हैं।

दुष्‍यंत चौटाला का निशाना बने 1991 बैच के आइएएस अफसर

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने से पहले तक चर्चा यह थी कि उनके विभागों के कामकाज पर अधिकारी तीसरी आंख रखे हुए हैं, लेकिन दुष्यंत द्वारा भाजपा सरकार की मजबूत कड़ी होने की दुहाई देने के बाद इस आंख को हटा लिया गया। इस कड़ी में दुष्यंत का पहला निशाना 1991 बैच के सीनियर आइएएस अधिकारी बने हैं। इस अधिकारी के पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय में एडजेस्ट होने की चर्चाएं थी, लेकिन बात नहीं बन पाई।

सूत्रों का कहना है कि फाइल पर किसी नोटिंग को लेकर बात बिगड़ी है। दुष्यंत चौटाला के पास 10 से अधिक विभाग हैं। इनमें आबकारी एवं कराधान, पीब्डल्यूडी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, उद्योग एवं वाणिज्य, फूड एंड सप्लाई, सिविल एविएशन, श्रम एवं रोजगार तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अहम हैं।

डिप्टी सीएम ने जिस अधिकारी की शिकायत अब लिखित में की है, उनका तबादला कुछ दिन पहले हो चुका था। तब इसे नियमित प्रक्रिया माना गया था, लेकिन अब समझा जा रहा है कि दुष्यंत की नाराजगी की वजह से इस अधिकारी पर गाज गिरी थी। दुष्यंत ने इस आइएएस अधिकारी को निलंबित करने की सिफारिश अपने पत्रों में की है। अनिल विज ने अभी तक जिस भी अधिकारी के विरुद्ध पत्र लिखा, उस पर कोई गंभीर कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई, लेकिन बताया जाता है कि दुष्यंत इस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर पूरी तरह से अड़े हुए हैं।

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