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    20 महिला सरपंच जानने पहुंची कामकाज का तरीका, पंचकूला के इस गांव की सरपंच बनी प्रेरणास्रोत

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 06:19 PM (IST)

    पंचकूला जिले के बुंगा गांव की सरपंच कविता चौधरी ने अपने कार्यों से पंचायत को महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना दिया है। यमुनानगर की महिला सरपंचों ने गांव का दौरा कर विकास कार्यों की सराहना की। गांव में महिला सांस्कृतिक केंद्र आंगनवाड़ी और सामुदायिक केंद्र स्थापित किए गए हैं। सरपंच ने वाहनों पर तेज संगीत बजाने पर रोक लगाकर शांति स्थापित की है जिससे गांव में अनुशासन कायम है।

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    महिला हितैषी पंचायत के तहत आयोजित एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम में 20 महिला सरपंच बूंगा गांव में पहुंची।

    संजय पारवाला, बरवाला। पंचकूला जिले की ग्राम पंचायत बुंगा। यहां की सरपंच कविता चौधरी अपनी दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ गांव को आगे बढ़ाया है, जोकि पूरे प्रदेश की महिला सरपंचों के लिए प्रेरणास्रोत है। पंचायत को महिला फ्रेंडली का दर्जा मिला हुआ है। यही वजह है कि महिला हितैषी पंचायत के तहत आयोजित एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम में यमुनानगर जिले की 20 महिला सरपंच बूंगा गांव की पंचायत के कामकाज करने के तरीके को देखने पहुंचीं।

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    सरपंच कविता चौधरी ने बुंगा गांव को महिला सशक्तिकरण और विकास कार्यों की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने गांव में अब तक हुए विकास कार्यों और आगामी योजनाओं की जानकारी दी। प्रतिभागी महिला सरपंचों ने गांव में बने महिला सांस्कृतिक केंद्र, आंगनवाड़ी, डेम और सामुदायिक केंद्र का निरीक्षण किया और पंचायत की कार्यशैली की सराहना की।

    गांव बुंगा में हुए विकास कार्यों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, जिसमें बताया गया कि किस तरह ग्राम पंचायत बूंगा को एक महिला फ्रेंडली पंचायत के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिला सरपंचों ने कहा कि सरपंच कविता चौधरी ने जिस दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ गांव को आगे बढ़ाया है, वह पूरे प्रदेश की महिला सरपंचों के लिए प्रेरणास्रोत है।

    पहले भी लिया था बड़ा फैसला, बुंगा गांव में वाहनों पर लाउड म्यूजिक पर रोक

    सरपंच कविता चौधरी ने काफी समय पहले ही बुंगा गांव में एक सराहनीय पहल करते हुए वाहनों पर तेज आवाज में म्यूजिक बजाने पर पाबंदी लगा दी थी। यह कदम उस समय चर्चा का विषय बना था, क्योंकि आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी सख्ती देखने को नहीं मिलती।

    ग्रामीण बताते हैं कि इस फैसले से गांव में शांति और अनुशासन कायम हुआ है। खासकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों और बुजुर्गों को राहत मिली। आज यह फैसला कविता चौधरी की दूरदर्शिता और मजबूत नेतृत्व क्षमता की मिसाल बनकर सामने आ रहा है, जिसे अब दूसरी पंचायतों के लिए भी मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है।