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    हरियाणा CET परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए चलेंगी 12000 बसें, 1500 सामान्य रूट पर भी दौड़ेंगी; सरकार ने बताया प्लान

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 04:00 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि सीईटी परीक्षा के दौरान सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहेगा। रोडवेज की 2500 बसें परीक्षा में और 1500 सामान्य रूट पर चलेंगी। निजी स्कूलों की 9500 बसें भी उपयोग में लाई जाएंगी। कोर्ट ने सरकार को आमजन की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और याचिका का निपटारा किया। सरकार ने मुफ्त यात्रा सुविधा की घोषणा की है।

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    हरियाणा CET परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए चलेंगी 12000 बसें (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) की परीक्षा को लेकर राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कारण आम लोगों कोई दिक्कत नहीं होगी।

    सरकार की तरफ से एक याचिका की सुनवाई के बताया गया कि रोडवेज की 4000 बस में से 2500 बस सीईटी परीक्षा में तैनात की गई है जबकि 1500 बस सामान्य रूट पर जनता के लिए चलेगी। कोर्ट को बताया गया सीईटी के लिए जिलों के डीसी द्वारा निजी स्कूलों की 9500 बस का भी प्रबंध किया गया है।

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    आम लोगों को नहीं होगी कोई परेशानी

    सरकार के जवाब पर कोर्ट ने कहा कि परीक्षा शनिवार और रविवार हो होनी है इसलिए कार्यालय बंद होते है फिर भी सरकार उचित कदम उठाए ताकि आमजन को परिवहन बारे कोई दिक्कत न हो। इसी के साथ कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।

    इस विषय पर दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार के इस फैसले से हरियाणा रोडवेज की अधिकतम बसें परीक्षा ड्यूटी में तैनात हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रियों, कार्यालय जाने वालों, मरीजों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

    याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन आम जनता के लिए कोई वैकल्पिक या आकस्मिक परिवहन व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

    अभ्यर्थियों को मिलेगी फ्री बस सेवा

    याचिका में यह भी बताया गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जून 2025 में सीईटी परीक्षा का कार्यक्रम घोषित किया था, जिसके बाद जुलाई के आरंभ में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की।

    इसके तहत परीक्षा के दोनों दिन अधिकतर बसों को अभ्यर्थियों की आवाजाही में लगाया जाएगा। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि राज्य सरकार सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को न्यूनतम आवश्यक स्तर पर बनाए रखने के लिए समुचित कदम उठाए तथा आम जनता के हितों की रक्षा के लिए एक समर्पित संचार एवं आकस्मिक तंत्र स्थापित करे।