हरियाणा में नहीं थम रहे अवैध गर्भपात के मामले, दर्ज किए गए 120 एफआईआर; 47 मामलों की जांच जारी
हरियाणा में अवैध गर्भपात और एमटीपी किट की अवैध बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। इस साल अब तक 120 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिनमें से 39 में चालान पेश हो चुका है। लिंगानुपात सुधार के लिए गठित टास्क फोर्स ने अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में इस साल अभी तक अवैध गर्भपात और एमटीपी किट की अवैध बिक्री के आरोप में 120 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से 39 मामलों में अदालत में चालान पेश किया जा चुका है, जबकि 47 की जांच चल रही है।
हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने अवैध गर्भपात पर पूरी तरह अंकुश लगाने का निर्देश दिया।
दोषी डॉक्टरों के लाइसेंस रद किए जाएंगे। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू किया गया है, विशेषकर जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पुलिस के साथ ही सभी कानूनी सहायता प्रदान की जाए। इससे इन सभी मामलों को अदालतों में तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना सुनिश्चित होगा।
लिंग परीक्षण व अवैध गर्भपात में शामिल पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आरोपितों के फोन रिकॉर्ड और लोकेशन हिस्ट्री का पता लगाने पर जोर रहेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी जिले में पीएनडीटी के लिए किसी भी नोडल अधिकारी को महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं की अनुमति के बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। डीजीएचएस को सभी जिलों के लिए इन नोडल अधिकारियों को चुनने और नियुक्त करने का अधिकार होगा।
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