हरियाणा के 1032 प्राइवेट स्कूलों को मिली बड़ी राहत, एक साल के लिए बढ़ी मान्यता
हरियाणा सरकार ने 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए मान्यता का विस्तार दिया है। मान्यता न मिलने पर तीन लाख छात्रों का भविष्य खतरे में था, क्योंकि वे बोर्ड परीक्षाएँ नहीं दे पाते। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से स्कूल संचालकों ने कई बार मुलाकात की थी। इन स्कूलों को मानक पूरे करने के लिए एक साल का समय दिया गया है।

हरियाणा के 1032 प्राइवेट स्कूलों की एक साल के लिए मान्यता बढ़ी। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को बड़ी राहत दी है। उन्हें शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए मान्यता का विस्तार दे दिया गया है। मान्यता का विस्तार नहीं मिलने की स्थिति में इन स्कूलों के साथ-साथ पढ़ने वाले करीब तीन लाख बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ था। मान्यता के अभाव में इन स्कूलों के बच्चों द्वारा आठवीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं नहीं दी जा सकती थी। बोर्ड की परीक्षाओं के लिए फार्म भरने अनिवार्य होते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से प्राइवेट स्कूल संचालक मान्यता बढ़ाने के लिए कई बार मिले। इन अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में सुविधाओं का अभाव है और वह माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानक पूरे नहीं करते, जिस कारण शिक्षा विभाग ने उनकी मान्यता रोक दी थी। हर साल यही स्थिति बनती है, लेकिन शिक्षा विभाग की सख्ती के चलते अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या लगातार कम हो रही है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिन 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को मान्यता के लिए एक साल का विस्तार दिया है, उनमें 30 अप्रैल 2003 से पहले के स्कूल हैं। साथ ही 30 अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2007 की अवधि में बने ऐसे स्कूल, जिन्हें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से मान्यता मिली है, उन्हें भी अस्थाई मान्यता का सेवा विस्तार दिया गया है। शर्त के मुताबिक अगले सत्र तक इन स्कूलों को मानक पूरा कर मान्यता लेनी होगी या छात्र-छात्राओं का दाखिला नहीं करना होगा। सभी स्कूल प्रशासन को शर्त का एक एफिडेविट जमा करना होगा।
प्रदेश में 2003 से अस्थाई स्कूलों को एक-एक साल का विस्तार मिलता आ रहा है। तत्कालीन समय में कुल 3200 स्कूल थे। इनमें 2106 स्कूलों ने शिक्षा निदेशालय के मानकों को पूरा करके मान्यता हासिल कर ली है, जबकि 1032 स्कूल मानक पूरा नहीं करने के कारण मान्यता नहीं ले पा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा स्कूलों को मान्यता नहीं मिलने की वजह जगह की कमी है। हैरानी की बात है कि पिछले 22 सालों में यह स्कूल मान्यता संबंधी नार्म्स पूरे नहीं कर पाए, लेकिन जब शिक्षण सत्र नजदीक आता है तो बच्चों के भविष्य की दुहाई देकर सरकार पर अस्थाई मान्यता के विस्तार का दबाव बनाते हैं।

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