NCR में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां होंगी बंद, कितने साल तक चलेंगे पेट्रोल वाहन? हरियाणा कैबिनेट बैठक में अहम फैसला
हरियाणा सरकार ने एनसीआर से जुड़े जिलों में डीजल और पेट्रोल वाहनों के लिए नए नियम लागू किए हैं। डीजल टूरिस्ट गाड़ियों की अधिकतम संचालन अवधि 10 साल और प ...और पढ़ें
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हरियाणा कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते सीएम नायब सैनी। फोटो एक्स
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी हो, लेकिन हरियाणा के एनसीआर से जुड़े 14 जिलों में वाहन मालिकों को राहत नहीं मिलेगी।
राज्य सरकार इन जिलों में डीजल से चलने वाली टूरिस्ट गाड़ियों की अधिकतम संचालन अवधि 10 साल और पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक तथा अन्य स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम सीमा 15 साल तय करने जा रही है।
सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा मोटर व्हीकल्स रूल्स-1993 में संशोधन को मंजूरी दी गई। संशोधित नियम हरियाणा मोटर व्हीकल्स (संशोधित) नियम, 2025 के नाम से लागू होंगे। नए प्रावधानों के तहत एनसीआर में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों को 12 साल तथा डीजल गाड़ियों को अधिकतम 10 साल तक चलाने की अनुमति होगी।
वाहनों की अधिकतम आयु 15 साल
एनसीआर से बाहर के जिलों में पेट्रोल, सीएनजी और डीजल पर चलने वाली टूरिस्ट परमिट गाड़ियों के संचालन की अधिकतम सीमा 12 साल तय की गई है। वहीं स्टेज कैरिज, कांट्रेक्ट कैरिज, गुड्स कैरिज और स्कूल बसों सहित सभी श्रेणी के परमिट वाहनों के लिए पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक तथा डीजल सभी ईंधनों पर अधिकतम अवधि 15 वर्ष निर्धारित की गई है।
ओला-ऊबर और ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ा झटका हरियाणा में एक जनवरी से ओला-ऊबर सहित सभी मोटर वाहन एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने मौजूदा फ्लीट में डीजल या पेट्रोल से चलने वाले किसी वाहन को शामिल करने की अनुमति नहीं होगी।
पेट्रोल-डीजल चलित इंजन जोड़ने पर रोक
परिवहन विभाग ने वर्ष 2016 में बनाए गए नियमों में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था लागू की है। अब कंपनियां केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक तीन पहिया आटो-रिक्शा को ही अपने फ्लीट में जोड़ सकेंगी।
इसके साथ ही चार पहिया लाइट कमर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और दो पहिया वाहनों में भी पेट्रोल-डीजल चलित इंजन जोड़ने पर रोक होगी।
राज्य परिवहन विभाग एक क्लीन मोबिलिटी पोर्टल भी विकसित कर रहा है, जिसमें सभी लाइसेंस धारकों के फ्लीट का विवरण दर्ज किया जाएगा। नए नियमों के तहत लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण की प्रक्रिया भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी।

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