Move to Jagran APP

Haryana News: साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को राहत

Gurmeet Ram Rahim पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत दी है। गुरमीत राम रहीम को यह राहत साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में मिली है। कोर्ट ने सीबीआइ की गुरमीत की जमानत रद करने की मांग खारिज कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Sunil kumar jhaPublished: Sat, 01 Oct 2022 07:29 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 07:29 PM (IST)
Haryana News:  साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को राहत
Haryana News: डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हाई कोर्ट ने राहत दी है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Gurmeet Ram Rahim : साध्‍वी दुष्‍कर्म मामले में रोहतक की सुन‍ारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्‍चा साादा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक अन्‍य मामले में राहत मिली है।  पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में उसे यह राहत दी। हाई कोर्ट ने उसकी नियमित जमानत रद करने की मांग वाली सीबीआइ की याचिका को खारिज कर दिया है।

loksabha election banner

मामले में मिली जमानत रद करने की सीबीआइ की मांग खारिज

कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया है। सजा होने के बाद उसे कई बार फरलो/पैरोल पर रिहा किया जा चुका है ,लेकिन गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का उस पर कोई आरोप नहीं लगा। इस मामले में सीबीआइ अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर जमानत रद करने की मांग कर रही जो वास्तव में मौजूद नहीं है। इस लिए हाई कोर्ट सीबीआइ की याचिका खारिज करता है।

कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ की मांग आधारहीन, डेरा प्रमुख पर लगे आरोप सही नहीं

याचिका दाखिल करते हुए सीबीआइ ने कहा था कि गुरमीत वर्तमान में जेल में है और उसे सजा सुनाई जा चुकी है। उस पर कई मामले लंबित हैं और उनमें से एक है 400 से अधिक साधुओं को नपुंसक बनाने का। डेरा प्रमुख को इस मामले में पंचकूला स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने अक्टूबर, 2018 में जमानत दी थी।

सीबीआइ ने कहा था, गवाहों को प्रभावित कर सकता है गुरमीत राम रहीम

सीबीआइ ने कहा था कि डेरा प्रमुख के आपराधिक रिकार्ड को देखते हुए सीबीआइ अदालत को जमानत नहीं देनी चाहिए थी क्योंकि वह इस मामले की जांच व गवाहों को प्रभावित कर सकता है। सीबीआइ की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई फैसलों में साफ कहा गया है कि किसी को जमानत देने से पहले उसके मामले की गंभीरता व उसकी पृष्ठभूमि को देखा जाए।

यह भी पढ़ें: Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में खड़गे के साथ खड़ी हुई गुटों में बंटी हरियाणा कांग्रेस

डेरा प्रमुख कई गंभीर मामलों में आरोपित है लेकिन सीबीआइ कोर्ट ने इन सभी तथ्यों को अनदेखा किया । यह मामला काफी गंभीर है और हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को मिला था। गुरमीत काफी प्रभावशाली है इसलिए सही जांच के लिए उसकी जमानत को रद किया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.