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    टॉपर्स बेटियां बनना चाहती हैं आइएएस

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:15 AM (IST)

    जिले में टापर्स रहे छात्रों ने भी अपना लक्ष्य तय करते हुए अगले पड़ाव की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।

    टॉपर्स बेटियां बनना चाहती हैं आइएएस

    विनोद शर्मा, पलवल

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का 12 वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम सोमवार को घोषित हो गया। घोषित परीक्षा परिणाम में बेटियों ने एक बार फिर खुद को अव्वल साबित करते हुए सफलता की नई इबादत लिखने का काम किया। सफल छात्रों ने अपना लक्ष्य तय करते हुए अगली तैयारी की दिशा में अपने प्रयास शुरू कर दिए। जिले में टापर्स रहे छात्रों ने भी अपना लक्ष्य तय करते हुए अगले पड़ाव की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। जिले की टापर्स रहीं अंजलि, मधुबाला व पारूल आइएएस बनना चाहते हैं तो शिवम इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं।

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    आइएएस बनना चाहती है अंजलि :

    एसपीएस इंटरनेशनल स्कूल की 12वीं के परीक्षा परिणाम में कॉमर्स संकाय में जिला टॉप करने वाली छात्रा अंजलि आइएएस अधिकारी बनकर क्षेत्र के लोगों की सेवा करना चाहती है। अंजलि के मुताबिक वह दिन में नौ से 10 घंटे रोजाना पढ़ाई करती थी। टीवी व मोबाइल से उसने दूरी बनाकर रखी। उसके पिता सुशील कुमार गांव के सरपंच रह चुके हैं तथा माता गीता देवी गृहिणी है। दसवीं में भी उसने अच्छे नंबर प्राप्त किए थे। उसके माता-पिता ने उसे हमेशा सहयोग किया है। अपनी सफलता का श्रेय है अपने गुरुजनों को भी देती है।

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    इंजीनियर बनना चाहते हैं शिवम

    टैगोर पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र शिवम सिगला आइआइटी करके इंजीनियर बनना चाहता है। शिवम ने नॉन मेडिकल संकाय में 98.2 फीसद अंक प्राप्त कर विज्ञान संकाय में जिला टॉप किया है। शिवम के अनुसार उसने कभी पढ़ाई के लिए समय की पाबंदी नहीं लगाई तथा हर समय पढ़ता ही रहता था। शिवम ने आईआईटी मैन में 99.9 परसेंट प्राप्त कर पहले भी जिले का नाम रोशन किया था। खास बात यह है कि उन्होंने स्कूल की पढ़ाई के अलावा कहीं से कोई अतिरिक्त कोचिग नहीं ली है। शिवम के पिता नीरज सिगला एक कपड़ा व्यापारी तथा माता नीतू सिगला गृहिणी हैं। बचपन से ही अपना लक्ष्य तय करने वाले शिवम ने टीवी व सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी।

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    पारुल चाहती हैं आइएएस बनना :

    केसीएम स्कूल बंचारी की छात्रा पारुल वैष्णव ने कॉमर्स संकाय में टॉप किया है। अपनी सफलता का श्रेय पारूल अपने माता-पिता व गुरुजनों को देती है। पारुल ने बताया कि उसके पिता नेत्रपाल एक दुकानदार है तथा माता शतारा देवी एक गृहणी हैं। छोटे से गांव लिखी जहां शिक्षा के पूरे साधन नहीं मिल पाते है। गांव में रहने वाली पारुल ने लगन व मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। स्कूल में अध्यापकों का सहयोग व घर पर आकर तीन-चार घंटो की लगातार पढ़ाई ने उसे यह मुकाम हासिल कराया। उसने अपना लक्ष्य आईएएस ऑफिसर बनना बताया।

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    मधुबाला भी बनना चाहती हैं आइएएस

    एसपीएस इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा मधुबाला ने 12वीं सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणाम में कला संकाय में 98.4 फीसद अंक प्राप्त कर जिला टॉप किया है। किसान की बेटी मधुबाला क्षेत्र की सेवा करना चाहती है। गांव धतीर निवासी किसान महेंद्र प्रताप की बेटी मधुबाला ने बचपन में ही अपना लक्ष्य तय कर लिया था। उसने दसवीं कक्षा में भी 91 फीसद अंक प्राप्त किए थे। वह शुरू से ही परिजनों से दूर अकेले ही बैठ कर पढ़ाई करती रहती थी। उसके पिता ने बताया कि मधु सुबह 4:00 बजे उठकर पढ़ती थी तो कभी देर रात तक पढ़ती रहती थी। जिस वजह से उसकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ गया। मधुबाला अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व अध्यापकों को देती हैं।

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