फरमान को ठेंगा दिखा रहे सड़क किनारे खड़े वाहन
यदि आप शहर की मुख्य सड़कों और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर गाड़ी चला रहे हो तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यहां पर सड़क किनारे खड़े छोटे-बड़े वाहन हादसे की मुख्य वजह बन सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि इसको लेकर प्रशासन सख्त नहीं है।

जागरण संवाददाता,पलवल: यदि आप शहर की मुख्य सड़कों और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर गाड़ी चला रहे हो तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यहां पर सड़क किनारे खड़े छोटे-बड़े वाहन हादसे की मुख्य वजह बन सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इसको लेकर प्रशासन सख्त नहीं है।
कुछ दिन पहले एसडीएम वैशाली सिंह ने फरमान जारी किया था कि निजी, कामर्शियल वाहन चालक और स्कूल संचालक अपनी बसें राष्ट्रीय राजमार्ग, एलिवेटेड पुल के नीचे और मुख्य सड़कों पर खड़ा न करें। अन्यथा वाहनों का चालान करने के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
बढ़ा जान का जोखिम: राष्ट्रीय राजमार्ग तीव्र गति से चलने योग्य बनाने का लाभ तो सभी को मिल रहा है, लेकिन जान का जोखिम भी बढ़ गया है। दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर हुडा सेक्टर दो से आगरा चौक तक सड़कों के दोनों ओर वाहन ही वाहन खड़े नजर आते हैं। स्थिति यह है कि होटल और ढाबा पर रुकने वाले चालक ट्रकों को सड़क किनारे लाइन लगाकर खड़ा कर देते हैं। यही नहीं रोडवेज और स्कूल बस चालक भी मनमानी करते हुए कई जगह सड़क पर बसें खड़ी कर देते हैं। कहीं आधी तो कहीं दो तिहाई सड़क पर इन बस वालों का कब्जा रहता है। इसके कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। खासकर दोपहर के समय दर्जनों की तादात में बसों को चालक सड़क किनारे खड़ी कर देते हैं। सड़क के अधिकांश हिस्से पर बसों के खड़े होने के कारण अन्य वाहनों को सड़क पर पूरी जगह नहीं मिल पाती है। छोटे-बड़े वाहनों का लगा रहता है मेला: वैसे ही जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आते रहते हैं। ऊपर से सड़क किनारे खड़े वाहन और हादसों को न्योता दे रहे हैं। कार्रवाई न होने से 24 घंटे सड़क के दोनों ओर छोटे-बड़े वाहनों का मेला लगा रहता है। सड़क किनारे चालक अपने वाहन अक्सर रात में बेतरतीब खड़ा कर देते हैं। ऐसे में पीछे से आने वाले तेज रफ्तार वाहन खड़े वाहन में टकरा सकते हैं। पहले ऐसी कई घटनाएं हो चुकीं, लेकिन लापरवाह वाहन चालकों पर आज तक लगाम नहीं लग सकी। कहने को तो संबंधित थानों के सिपाहियों को रात और दिन में प्रत्येक चौराहों पर गश्त पर रहने के निर्देश हैं, लेकिन वह कभी कभार ही दिखाई देते हैं।
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