करोड़ों खर्च करने पर भी नहीं सुधरे हालात, शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
पलवल शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे हर तरफ कूड़े के ढेर लगे हैं। सालाना करोड़ों खर्च करने के बावजूद हालात नहीं सुधर रहे। बढ़ती आबादी के कारण सफाई के संसाधन कम पड़ रहे हैं। शहर में रोजाना 110 टन कूड़ा निकलता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद सफाई व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है।
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जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल में बीते कई वर्षों से खराब शहर की साफ-सफाई सुधरने का नाम नहीं ले रही है। बीते एक सप्ताह से शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। बीते माह ही कूड़ा उठाने वाली कंपनी का टेंडर तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था। लेकिन सालाना आठ करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बावजूद शहर में हर-तरफ गंदगी व्याप्त है। उठान न होने के कारण लोगों द्वारा कूड़े को आग लगाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ वर्षों में शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। शहर में करीब दो दर्जन नई कालोनियां विकसित हुई हैं। इसके साथ ही कुसलीपुर, धौलागढ़, काशीपुर, किठवाड़ी, फिरोजपुर, आल्हापुर समेत कई गांवों को नगर परिषद के अंतर्गत शामिल किया गया गया। लेकिन इस बढ़ती आबादी के अनुरूप शहर में सफाई के संसाधन पर्याप्त नहीं हैं।
यही कारण है कि जुलाई माह में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी किए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में पलवल शहर को 824 शहरों में से 427वीं रैंक मिली थी।
लाखों खर्च होने के बावजूद नहीं सुधरे हालात
शहर को स्वच्छ रखने के लिए वर्ष 2021 के जनवरी में क्लासिक मैन पावर फरीदाबाद को 70 लाख रुपये प्रति माह की दर से जिम्मा दिया गया था। घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करना और शहर में फैली गंदगी को डंपिंग ग्राउंड पर डालकर निस्तारण करना इस कंपनी के कार्य में शामिल है। कंपनी के कार्य संभालने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था सुदृढ नहीं हो पाई। सफाई व्यवस्था में बरती जा रही लापरवाही के कारण जिला प्रशासन ने दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
इस वर्ष जुलाई माह में कंपनी का टेंडर नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद नगर परिषद ने तीन महीने के लिए दो करोड़ 40 लाख की लागत से भारतीय एचआर सोल्यूशन कंपनी को टेंडर दिया गया था। फिर अक्टूबर माह में इसी कंपनी का टेंडर तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया। लेकिन स्थिति जस की तस है।
प्रति दिन निकलता है 110 टन कूड़ा
शहर में प्रतिदिन रोजाना करीब 110 टन कूड़ा निकलता है। परिषद अधिकारियों की मानें तो 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर शहर की कुल आबादी दे लाख 65 हजार है। उस हिसाब से प्रति व्यक्ति 400 ग्राम कूड़ा निकलता है। इस तरह प्रतिदिन 110 टन कूड़ा निकलता है।
जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
शहर में कचरे के ढेर नजर आते हैं। शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रोड, आगरा चौक, रसूलपुर रोड, किठवाड़ी रोड, ओल्ड सोहना रोड, सिविल लाइन कालोनी, न्यू कालोनी, पैंठ मोहल्ला, अलावलपुर चौक, आदर्श कालोनी, न्यू एक्स्टेन्शन कालोनी, मोहन नगर, कैलाश नगर समेत दर्जनों स्थानों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। गंदगी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। कूड़े से उठती बदबू के कारण यहां से लोगों का निकलना तक दूभर हो जाता है।
शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृश करने के लिए नगर परिषद लगातार प्रयासरत है। कहीं कोई कमी है तो उसे सुधारा जाएगा। कहीं भी कूड़े के ढेर हैं तो उन्हें उठवाया जाएगा। - डॉ. यशपाल,चेयरमैन नगर परिषद

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