रस्मों-रिवाद में तेज आवाज में नहीं बजेगा संगीत
जागरण संवाददाता, पलवल: डागर पाल के 20 गांवों में अब लगन में दो और सगाई में पांच से ज्यादा लो
जागरण संवाददाता, पलवल: डागर पाल के 20 गांवों में अब लगन में दो और सगाई में पांच से ज्यादा लोग नहीं जाएंगे। किसी भी सामाजिक रस्मों रिवाज में तेज आवाज में संगीत नहीं बजेगा। मृत्यु भोज बंद होगा तथा शोक व्यक्त करने का एक दिन तय नहीं किया जाएगा।
सोमवार को गांव मंडकौला में हुई डागर पाल के 20 गांवों की पंचायत में यह अहम फैसले लिए गए। फैसले का उल्लंघन करने वाले के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में गांव के प्रमुख पंच शामिल नहीं होंगे।
पंचायत में मंडकौला, जाजरू, झाडसैंतली, जौहरखेडा, बढा, महेशपुर, कानौली, स्यारौली, रीबड, मंडौरी, गागौली, नौरंगाबाद, दुबालू और जीता खेडली सहित 20 गांवों के सरदार मौजूद थे।
डागर पाल के सरदारों की गांव मंडकौला स्थित झीरी वाले मंदिर पर सोमवार को पंचायत हुई। पंचायत की अध्यक्षता गांव झाड़सेंतली निवासी खजान ¨सह ने की। पंचायत के बारे में डागर पाल के प्रधान धर्मबीर डागर ने बताया कि सामाजिक कुरीतियों को किसी भी हाल में पनपने नहीं दिया जाएगा।
फैसलों में कहा गया कि किसी भी सामाजिक रस्म जिनमें कथा, दसौटन, शादी, लगन, सगाई, जन्मदिन आदि पर तेज आवाज के बाजे नहीं बजाए जाएंगे। किसी भी व्यक्ति की मौत के एक साल तक कोई भोज नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति भोज करना चाहता है तो वह मौत के एक साल बाद पंचायत से अनुमति लेकर करेगा। पंचायत में मंडकौला से सरपंच देवी¨सह डागर, बढा से मास्टर दीपचंद, महेशपुर से पूर्व सरपंच रामजीलाल, जौहरखेडा से पूर्व सरपंच तेज¨सह, स्यारौली से पूर्व सरपंच मेदराम ¨सह, दुबालू से सोनी, नौरंगाबाद से अतरा, मंडौरी से जगदीश और करण ¨सह भडाना, जाजरू से सोहनलाल, झाडसेंतली से संजय डागर ने फैसले पर मोहर लगाई।