छात्र के पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में सात महीने बाद कार्रवाई, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
पलवल में एक छात्र के पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में अदालत के आदेश के बाद सात महीने बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने मिलकर उसे इतना प्रताड़ित किया कि उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मामला।
जागरण संवाददाता,पलवल। नौकरी के फार्म भरने गए बीए के छात्र से कागजात लेकर सीएचसी सेंटर संचालक ने उनका दुरुपयोग करते हुए पीड़ित पक्ष को इतना परेशान किया कि उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। बहीन थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर गांव के ही 11 नामजद के विरुद्ध आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बहीन थाना प्रभारी यशवीर के अनुसार, आली ब्राह्मण गांव निवासी श्याम सुंदर ने अदालत में दायर इस्तगासा में कहा है कि वह बीए का छात्र है। वह सरकारी नौकरी की तलाश में है, लिहाजा, गांव में अनिल के सीएससी सेंटर पर जाकर वह नौकरी के फार्म भरता था। इसी दौरान सीएससी सेंटर संचालक अनिल ने उसके मोबाइल नंबर, आधार कार्ड व बैंक खाते का विवरण ले लिया।
कागजात लेने के बात कहा कि उसके भाई के पैसे आने हैं, वे आपके खाते में आऐंगे, बाद में निकाल कर दे देना। विश्वास में उसने कागजात दे दिए और पैसों के लिए हां कर दी। जिसके बाद सात अप्रैल 2025 को उसके पास बहीन थाने से एक नोटिस आया। पुलिस को बताया इस फोन नंबर व बैंक खाते से फ्राड हुआ है। आरोप था कि अनिल ने ही उसके साथ यह फ्रॉड किया है, क्योंकि उक्त कागजात उसने ही लिए थे।
पुलिस के सामने कुबूला था जुर्म
जिसके बाद आठ अप्रैल को गांव की पंचायत के दौरान पुलिस की मौजूदगी में आरोपित ने इस गुनाह को कबूल करते हुए बताया कि उसने ही पीड़ित के कागजों के आधार पर उसके साथ यह फ्रॉड किया है और भरपाई करने की हामी भरी,लेकिन अनिल ने भरपाई नहीं की। इसी बीच, इस फ्रॉड के मामले को लेकर बहीन थाना पुलिस के पास मेघालय की शिलांग पुलिस नाम-पते का नोटिस लेकर पहुंच गई।
आरोपित ने उक्त मामले को कबूल करने के बाद पैसे जमा कराकर निपटाने की बात कही। 14 अप्रैल को जब उसके पिता वेद प्रकाश खेतों से लौटकर आ रहे थे तो अनिल व उसके भाई रास्ते में मिले तो उसके पिता ने उनसे इस मामले को जल्द निपटाने की बात कही। इसी बात को लेकर आरोपित उसके साथ गाली-गलौच करने हुए झगड़ा किया, इतना ही नहीं उसके छोटे भाई के कपड़े फाड़ कर उसे नंगा कर दिया।
इसी दौरान आरोपितों ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना देकर बुला लिया और बहीन थाना में उनके खिलाफ झूठा मुकदमा भी दर्ज करा दिया। जिससे उसके पिता वेद प्रकाश परेशान रहने लगे। जिससे उन्होंने दुखी होकर 17 अप्रैल को आत्महत्या कर ली, पुलिस ने उसके पिता के पास से एक सूसाइड नोट भी बरामद किया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
खटखटाया अदालत का दरवाजा
पुलिस के कार्रवाइ न करने पर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। अब बहीन थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर गांव के ही निवासी बलबीर, रघुबीर, धर्मवीर, मुकेश, राज कुमार, सुनील, अनील, संजय, सुनीता, धर्मबती, हीरालाल, प्रकाश, कालू, आकाश व सागर के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

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