यमुना में बाढ़ से तीन राज्यों पर पड़ रहा बुरा असर, आसमान छू रहे सब्जियों के दाम; लोगों की टूटी कमर
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से हसनपुर के खादर क्षेत्र में किसानों की हज़ारों एकड़ सब्ज़ी की फ़सल बर्बाद हो गई। इससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई के चलते गरीब आदमी की थाली से सब्जी गायब हो गई है। जहाँ पहले एक दिन की सब्ज़ी 60-80 रुपये में आती थी अब 150-170 रुपये में आ रही है।

संवाद सहयोगी, हसनपुर। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से खादर के खेतों में किसानों द्वारा बोई गई हज़ारों एकड़ सब्जी की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, जिसके कारण किसानों को तो आर्थिक संकट झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। साथ ही इसका असर अब आम आदमी की जेब पर भी पड़ने लगा है।
हसनपुर के खादर के खेतों में किसान आलू,टमाटर, प्याज, गोभी, भिंडी, बेंगन, हरी मिर्च, घीया, पेठा, तोरई आदि सब्जी की खेती करते हैं। जिसको किसान हसनपुर, होडल तथा मिर्च व खीरा की फसल को तो दिल्ली की आजादपुर मंडी तक बेचते हैं। इस बार यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण किसानों की सब्जी की फसल पानी मे डूब गई जिसके कारण सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे।
महंगाई के चलते गरीब आदमी की थाली से सब्जी गायब हो गई। सब्जी के दाम बढ़ने से लोगों की रसोई का बजट भी डगमगा गया। पहले एक दिन की सब्जी 60 रुपये से 80 रुपये तक आ जाती थी। अब 150 से 170 रुपये में आ रही है।
पहले ही खाद्य सामग्री के बढ़ते दामों के कारण गरीब आदमी को घर चलाना मुश्किल हो रहा था, अब सब्जियों के बढ़े दामों ने गरीब आदमी की कमर ही तोड़ दी। थोड़ी राहत की बात यह है कि टमाटर के दाम पहले से आधे हो गए। पहले टमाटर बाजार मंडी में 80 रुपये किलो बिक रहा था, अब टमाटर के भाव कम होकर 40 रुपये किलो हो गए।
पितृ पक्ष के महीने में सब्जी की ज्यादा होती है बिक्री
पितृ पक्ष के दिनों में तोरई जैसी सब्जी की ज्यादा मांग बढ़ जाती है,क्योंकि पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार तोरई को पूर्वजों के लिए खास माना जाता है, और इसे पितृ अर्पण में भी परोसा जाता है।
यूपी व दिल्ली से आ रही है हसनपुर मंडी में सब्जी
कभी हसनपुर के किसान अपनी सब्जी की फसल की यूपी व दिल्ली में बेचने जाते थे। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाने से किसानों की फसल बर्बाद होने के कारण अब हसनपुर मंडी में पत्ता गोभी, फूल गोभी, अरबी,टमाटर,आलू,प्याज,अदरक,मिर्च,नीबू,करेला,परमल आदि सब्जी उत्तर प्रदेश के सिकंदराबाद मंडी व दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी से हसनपुर मंडी में सब्जी आ रही है, जोकि ट्रांसपोर्ट खर्च के कारण भी महंगी बिक रही है।
सब्जियों के भाव प्रति रुपये किलो में
सब्जी | पहले (₹) | अब (₹) |
---|---|---|
आलू | 18 | 24 |
पत्ता गोभी | 30 | 50 |
फूल गोभी | 60 | 120 |
अरबी | 40 | 60 |
भिंडी | 30 | 60 |
घीया | 30 | 60 |
तोरई | 30 | 60 |
बैंगन | 20 | 50 |
हरी मिर्च | 40 | 90 |
नींबू | 40 | 80 |
मूली | 30 | 60 |
प्याज | 20 | 40 |
करेला | 40 | 60 |
अदरक | 80 | 160 |
पेठा | 20 | 40 |
शिमला मिर्च | 80 | 120 |
परमल | 30 | 60 |
टमाटर के दाम आधे हो गए पहले टमाटर 80 रुपये किलो बिक रहा था अब 40 रुपये किलो बिक रहा है। पहले ही गरीब आदमी को महंगाई के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा था। अब सब्जियों के बढ़े दामों ने परेशानी खड़ी कर दी। - लोहरा देवी, गृहणी
अचानक सब्जी के बढ़े भावों के कारण घर की रसोई का बजट डगमगा गया है। 15 दिन के अंदर सब्जी के दाम दोगुने हो गए। पहले एक दिन की सब्जी 80 रुपये तक आ जाती थी,अब 150 रुपये तक आ रही है। - शिमला वशिष्ठ, गृहणी
आए दिन बढ़ रहे सब्जियों के दामों के कारण अब गरीब आदमी की थाली से गायब होती जा रही है सब्जी। पहले ही महंगाई बहुत थी। अब सब्जियों के दाम बढ़ गए। - मोहन सिंह बघेल
बिजली महंगी,गैस महंगी,खाद्य सामग्री महंगी और अब सब्जी भी महंगी हो गई। कैसे चलाए घर का खर्च ? सब्जी रोटी खाना भी मुश्किल हो रहा है। - हरवेजी देवी,गृहणी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।