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    पलवल सेक्टर 2 में विकास के बावजूद सड़कों की दुर्दशा, 10,000 से अधिक लोगों का जीवन प्रभावित

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 02:20 PM (IST)

    पलवल के सेक्टर 2 में विकास के बावजूद सड़कें खस्ताहाल हैं। प्रवेश द्वार पर गड्ढों से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। धूल से निवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। शिकायतों के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। स्थानीय लोगों ने जल्द मरम्मत की मांग की है। सेक्टर में 10000 से ज्यादा लोग रहते हैं फिर भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

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    पलवल के सेक्टर 2 में विकास के बावजूद सड़कें खस्ताहाल हैं। फाइल फोटो

    अशोक कुमार यादव, पलवल। सेक्टर 2 का विकास भले ही हो गया हो, लेकिन इस पॉश इलाके की ज़्यादातर सड़कों की हालत आज भी खस्ता है। सेक्टर के प्रवेश द्वार पर सड़क की हालत बेहद खराब है। सेक्टर में प्रवेश करते ही लोगों का स्वागत ऊबड़-खाबड़ सड़क से होता है, जिसमें गहरे गड्ढे हैं, जिससे अक्सर दुर्घटनाएँ हो रही हैं।

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    इसके अलावा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) इन दिनों सड़क किनारे खुदाई का काम कर रहा है। वाहनों से उड़ने वाली धूल ने स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन मुश्किल बना दिया है। धूल के गुबार उन्हें परेशान कर रहे हैं। धूल से घरेलू सामान खराब हो रहा है, जिससे लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हैं।

    निवासियों का आरोप है कि सड़कों की हालत सुधारने की शिकायतों के बावजूद अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि कोई बड़ा हादसा होने से पहले सड़कों की मरम्मत कर दी जाए।

    स्थानीय निवासी मुकुल जैन, दीपक मित्तल, उदय सिंह, सोहनपाल और फतेह सिंह ने बताया कि बारिश में सड़क पर बिछाई गई तारकोल और कंक्रीट बह गई है। सड़क कीचड़ से सनी हुई है। जब वाहन गुजरते हैं, तो मिट्टी के कण उड़कर कई मीटर दूर घरों तक पहुँच जाते हैं।

    अंदर लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इस सड़क पर वाहन चलाना, साइकिल चलाना या पैदल चलना मुश्किल है। सैकड़ों वाहन इसी रास्ते से गुज़रते हैं। सोहना रोड की ओर जाने वाले लोग इसी रास्ते से गुज़रते हैं। टूटी सड़क और गड्ढों के कारण लोग अपने वाहनों पर नियंत्रण खो देते हैं।

    निवासियों का कहना है कि इस सेक्टर में 10,000 से ज़्यादा लोग रहते हैं। हुडा यहाँ के निवासियों से एन्हांसमेंट शुल्क और अन्य शुल्क लेता है। साथ ही, सभी प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करने का दावा भी करता है। इसके बावजूद, लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सेक्टर की कई सड़कें जर्जर हालत में हैं, जिससे लोगों को हादसों का डर बना रहता है।

    सड़कों को खोदने के बाद उनकी मरम्मत नहीं की जाती

    सेक्टर के एक तरफ़ जल निकासी व्यवस्था है। लेकिन दूसरी तरफ़, जल निकासी व्यवस्था न होने के कारण, लोगों को पानी और सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए सड़क काटनी पड़ती है। कनेक्शन मिलने के बाद, विभाग कटी हुई सड़क की ठीक से मरम्मत नहीं करता। कुछ दिनों बाद कटी हुई सड़क पर गड्ढे बन जाते हैं, जो बाद में और बड़े हो जाते हैं। इन दिनों सड़क गहरे गड्ढों से भरी हुई है, जिससे दुर्घटना का डर बना रहता है।

    यहां रहते हैं नामचीन हस्तियां

    सेक्टर 2 शहर के पॉश इलाकों में से एक है। राजनीतिक हस्तियों और रसूखदारों समेत कई नामचीन हस्तियों ने यहाँ अपनी कोठियाँ बनाई हैं। विधायक दीपक मंगला का आवास सेक्टर के सामने स्थित है। शहर के प्रथम नागरिक, नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. यशपाल भी इसी सेक्टर में रहते हैं।

    फिर भी, इस सेक्टर की टूटी सड़कें कई सवाल खड़े करती हैं। लोगों का कहना है कि अगर पॉश सेक्टर की सड़कें टूटी हैं, तो आम कॉलोनियों की स्थिति तो और भी खराब होगी।

    शिकायतों के बावजूद नहीं होती सुनवाई

    निवासियों का कहना है कि सेक्टर के अंदर की सड़कों की हालत तो कुछ हद तक ठीक है, लेकिन मुख्य सड़क की हालत बहुत खराब है। रात के समय इन सड़कों पर बड़े हादसे होने का खतरा बना रहता है। विभाग ने हाल ही में इन गड्ढों को पत्थर और बजरी से भर दिया है, लेकिन इन पत्थरों और बजरी को ठीक से दबाया नहीं गया है।

    आए दिन भारी वाहनों के टायरों से पत्थर उड़कर हमारे घरों में गिरते हैं। उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की है और उन्हें याद दिलाया गया है, लेकिन सड़कों की हालत जस की तस बनी हुई है। अधिकारियों को इस समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।

    शनिवार को एचएसवीपी के कार्यकारी अभियंता मनोज सैनी ने सेक्टर की सड़कों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि मुख्य प्रवेश मार्ग के दोनों ओर आठ-आठ फीट तक खुदाई की जा रही है, ताकि सड़क का स्तर सड़क के स्तर से ऊँचा रहे और सड़क पर पानी जमा न हो।

    उन्होंने यह भी बताया कि सड़क के किनारे डेढ़ मीटर चौड़ी इंटरलॉकिंग टाइलें बिछाई जाएँगी। इसके बाद हरित पट्टी विकसित की जाएगी। उन्होंने स्थानीय निवासियों से अपने घरों के सामने से अतिक्रमण हटाने की अपील की ताकि हरित पट्टी और जल निकासी की सुविधा उपलब्ध हो सके।

    टूटी सड़कों की मरम्मत के संबंध में कार्यकारी अभियंता सैनी ने बताया कि 40 लाख रुपये की लागत से जर्जर सड़कों की मरम्मत की जाएगी। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।