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    Palwal News: हर महीने सफाई पर लाखों रुपये खर्च, फिर भी जगह-जगह कूड़े के ढेर

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 04:18 PM (IST)

    पलवल के हसनपुर गांव में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है जिससे स्वच्छता अभियान की पोल खुल रही है। गांव में 2 दर्जन सफाई कर्मचारी तैनात होने के बावजूद नालियां जाम हैं और गंदगी के ढेर लगे हैं। कूड़ा उठाने की उचित व्यवस्था नहीं होने से लोग खुले में कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

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    हर महीने सफाई पर लाखों खर्च, फिर भी जगह-जगह कूड़े के ढेर

    संवाद सहयोगी, हनसुपर (पलवल)। पलवल के ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को खुलेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है। 15 हजार की आबादी व लगभग 9 हजार मतदाता वाले गांव हसनपुर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए दो दर्जन सफाई कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। जिनमें चार ब्लाक स्तर पर स्थाई कर्मचारी और 20 ग्राम पंचायत के द्वारा अस्थायी तौर पर नियुक्त किए हुए हैं।

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    सफाई व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए हर महीने लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। कूड़ा उठाने के लिए एक ट्रैक्टर भी लगाया हुआ है। परंतु सफाई के नाम पर कही नालियां जाम हैं तो कही गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।

    हसनपुर के मेन बाजार में माहोली रोड, सदुआगढ़ी रोड और अग्रवाल धर्मशाला के सामने गंदगी के अंबार लगे हुए हैं, जिनमें हर समय बेसहारा पशुओ का जमावड़ा लगा रहता है। इन रास्तों में व्याप्त गंदगी से आने वाली बदबू के कारण इन रास्तों से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

    ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर से कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण स्थानीय लोग खाली पड़े प्लाटों में या फिर जहां जगह मिलती है वहां कूड़ा डाल देते हैं। घरों का कूड़ा डालने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा कूड़ेदान जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण भी सरकार द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान भी फेल हो रहा है।

    हसनपुर ग्राम पंचायत के द्वारा बाजार से कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर की व्यवस्था की हुई है, परंतु गांव के अंदर घर घर से कूड़ा उठाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण घरों के कूड़े करकट को लोग खुले में डाल रहे हैं।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षा के मौसम में वैसे ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। जगह जगह गंदगी में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे मच्छरजनित बीमारी फैलने का भी डर बना रहता है।

    बाजार में दुकानदारों का कहना है कि पुराने बस स्टैंड से लीखी चौक तक तथा सदुआगढ़ी चौराहे से पथवारी मंदिर मार्ग तक बाजार में कभी सफाई कर्मचारी सफाई करने नही आते जिसके कारण बाजार में दुकानदारों को खुले में कूड़ा जलाने को मजबूर होना पड़ता है।

    सदुआगढ़ी चौक से पथवारी मंदिर तक सफाई कर्मचारी सफाई करने या कूड़ा उठाने नही आते हैं। मजबूरन दुकानदारों को कूड़ा खुले में जलाना पड़ता है। ज्यादातर सफाई कर्मचारी प्लास्टिक इकट्ठा करने में लगे रहते हैं। - तेज सिंह, दुकानदार

    गांव में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नही है। गली मोहल्ले में अगर कोई कुत्ता, बिल्ली जैसे जानवर मर जाते हैं तो सफाई कर्मचारी उसे उठाने के एवज में पैसे की मांग करते हैं, शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती। - कौशल गुप्ता

    बाजार में दुकान के सामने गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। तेज हवा चलने पर कूड़े में पड़ी पोलोथिन उड़कर दुकान तक पहुंच जाती हैं, जिससे खाद्य सामग्री दूषित हो जाती हैं। - सुभाष चंद, दुकानदार

    गांव में सफाई व्यवस्था के लिए कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। समय समय पर कूड़े को जेसीबी मशीन द्वारा उठवा दिया जाता है। बाजार में जहां जहां सफाई कर्मचारी नही पहुंच रहे हैं, सफाई कर्मचारियों को वहां भेजकर सफाई करवाई जाएगी। - हेतराम बघेल, सरपंच हसनपुर

    गांव में घर घर से कूड़ा उठाने का कोई इंतजाम नहीं है,और न ही गांव में डस्टबिन जैसी सुविधा नहीं है। जिसके कारण लोग घरों के कूड़ा करकट को खुले में डाल रहे हैं। जिसके कारण जगह जगज गंदगी फैली हुई है। - ओमप्रकाश सिसोदिया