पलवल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, सुंदरीकरण का 50 फीसदी काम हुआ पूरा
पलवल रेलवे स्टेशन पर अमृत योजना के तहत आधुनिकीकरण का कार्य चल रहा है लेकिन धीमी गति के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। 46 करोड़ रुपये की इस परियोजना में सौंदर्यीकरण खानपान स्टॉल और प्रतीक्षालय जैसे कार्य शामिल हैं। निर्माण सामग्री बिखरी होने और सुरक्षा उपायों के अभाव से यात्रियों को खतरा बना रहता है।

अशोक कुमार यादव, पलवल। अमृत योजना के तहत पलवल रेलवे स्टेशन पर आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसके बाद यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर बेहतर सुविधा मिल सकेगी। कार्य शुरू हुए डेढ़ वर्ष से अधिक हो गया है। जबकि अभी तक पचास फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हुआ है।
बता दें कि 26 फरवरी-2024 को अमृत योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 46 करोड़ रुपये की लागत से पलवल रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का वर्चुअल शिलान्यास किया था। इसके तहत रेलवे स्टेशन के बाहरी ओर का सुंदरीकरण, खानपान के लिए रिटेल स्टाल, प्रतीक्षालय, शौचालय, एफओबी समेत अन्य कार्य किए जाने हैं।
निर्माण कार्य का जिम्मा तीन अलग-अलग निर्माण एजेंसियों को पूरा करने के लिए मिला है। पूरे स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म पर निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी हुई हैं। इसके अलावा जो स्ट्रक्चर खड़ा किया गया है, वह भी काम पूरा नहीं होने से किसी भी तरह की दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
शुक्रवार को स्थानीय यात्रियों की मांग पर रेलवे स्टेशन पर चल रहे सुंदरीकरण की पड़ताल की। पड़ताल के दौरान पाया कि रेलवे स्टेशन परिसर में जगह-जगह निर्माण सामग्री, टूट फूट का मेटेरियल, गड्ढे, नालियां, गिट्टी, मशीनें खुली पड़ी नजर आई। प्लेटफार्मों पर पेड़ों को काट कर हरियाण समाप्त कर दी है। पेड़ों के अवशेष वहीं छोड़ दिए हैं।
रेलवे के मुख्य द्वार के सामने बहुमंजिला इमारत बन रही है। जिसका मात्र अभी ढांचा खड़ा हो पाया है, जबकि इसका निर्माण कर रही एजेंसी प्रगति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दस माह में इसका निर्माण कार्य पूरा करना था। लेकिन अभी तक कोई भी कार्य पूरा नहीं किया गया है।
निर्माण कार्य जितना लंबा खींच रहा है उतनी ही अधिक परेशानी यात्रियों को हो रही है। हालांकि समय-समय पर मंडल रेल प्रबंधक रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जता चुके है। निर्माण एजेंसी को समय से शीघ्र कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
यात्रियों ने बताया कि सभी प्लेटफार्म प्लेटफार्म पर एफओबी के पिलरों के लिए गड्ढे खोद दिए हैं। गड्ढों से निकली मिट्टी एकत्रित करके छोड़ दी गई है। जब प्लेटफार्म से तेज गति की ट्रेन गुजरती है,तो खुले में पड़ी मिट्टी गुब्बार बनकर दिन भर उड़ती रहती है। इसके अलावा ऐसे में जिन रास्तों से यात्रियों का आवागमन होता हैं, वहां भी काफी खतरा देखने मिला।
यहां यात्रियों ने बताया कि मुख्य द्वारा पर बनाए गए ग्राउंड स्ट्रक्चर पर बीच में कई जगह बड़ा गड्ढा छोड़ दिया गया है, जो नजर नहीं आने पर कोई भी इसमें गिर सकता है। रात के समय यहां कम लाइटिंग होने के कारण रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस जगह को आवागमन के लिए बंद कर देना चाहिए, लेकिन ठेकेदार द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था स्टेशन पर नहीं की है। जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।
दैनिक रेल पैसेजर एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश मंगला, राहुल सिंह, सुरूचि यादव, राम किशन शर्मा, चंद्रपाल व मालती देवी ने बताया कि जिन रास्तों से यात्रियों का आवागमन होता है, वहां अधिकांश जगहों पर निर्माण सामग्री फैली हुई है, गड्ढे हैं।
ऐसे में इनमें गिरकर रोजाना यात्री घायल हो रहे हैं। जो मामूली चोट होने के कारण शिकायत तो नहीं कर रहे हैं। गड्ढों के चारों ओर से किसी तरह का चेतावनी बोर्ड या रिफ्लेक्टर नहीं लगाया गया है। इससे रात में यात्रियों के आवागमन के दौरान अनहोनी का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
प्लेटफार्म पर खोदे गए गड्ढों की बेरिकेडिंग करना अनिवार्य किया हुआ है। अगर एजेंसी ने गड्ढों की बेरिकेडिंग नहीं की है तो एजेंसी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक साल की अवधि में जिस रफ्तार से कार्य होने थे, उसके मुताबिक कार्य नहीं हाे सकें हैं। कई बार डिविजन से ड्राइंग लेट मिली। तो कभी ट्रेनों का परिचालन विकास कार्य में बाधित बन रहा है। एफओबी की कुछ ब्लाक लखनऊ से आने थे, वाे समय पर नहीं मिल पाए थे। अब लखनऊ से ब्लाक आ चुके हैं। एफओबी का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। आगामी कुछ दिनों में कार्य में तेजी आएगी। - जुनफैद खान,आईओडब्ल्यू, फरीदाबाद
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