किसानों के दिल्ली कूच से पहले पुलिस अलर्ट, केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर नाकाबंदी; चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात
Palwal News किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के मद्देनजर पलवल पुलिस अलर्ट पर है। केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जा रही है। किसान नेताओं ने शम्भू बॉर्डर पर किसानों को रोके जाने पर रोष जताया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से किसानों के लंबित मुद्दों का समाधान करने की मांग की है। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, पलवल। किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान को लेकर जिला पुलिस अलर्ट पर है। एक साल तक अटोहां चौक पर चले किसान आंदोलन की जगह नाके लाकर पुलिस बल तैनात किया गया है।
वहीं केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर नाकाबंदी शुरू कर वाहनों की जांच जारी है। नाके पर पुलिस पलवल में प्रवेश करने वाले वाहनों पर नजर बनाए हुए हैं।
बता दें कि 2020 में तीन कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में शुरू हुए किसान आंदोलन में पलवल का केएमपी-केजीपी इंटरचेंज आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा था। ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली जा रहे मध्य प्रदेश के किसानों को पलवल पुलिस ने केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर रोक लिया था।
किसान क्रांति चौक नाम दिया गया
किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर बैठकर धरना शुरू कर दिया था। करीब दो माह तक किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर डटे रहे थे। बाद में मध्य प्रदेश के किसानों को हटाया गया तो स्थानीय किसानों ने दोबारा अटोहां चौक पर धरना शुरू कर दिया और उसे किसान क्रांति चौक नाम दिया गया। करीब एक साल तक किसानों ने धरना जारी रखा था।
इस बार किसानों ने दिल्ली कूच का आह्वान किया तो पुलिस सतर्क हो गई। पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग-19 स्थित केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर नाकाबंदी शुरू कर दी। यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
किसानों को रोके जाने पर किसान नेताओं ने जताया रोष
संयुक्त किसान मोर्चा पलवल ने मंगलवार को शहर की जाट धर्मशाला में बैठक कर सर्वसम्मति से किसानों के लंबित मुद्दों के तत्काल समाधान की मांग की। किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचन्द की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मांग की गई कि सरकार लोकतंत्र में आंदोलन के संवैधानिक अधिकार को बहाल रखते हुए शम्भू बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों से बातचीत कर मांगों का समाधान करे।
सरकार गुमराह करने की कोशिश कर रही
बैठक में किसान नेता मास्टर महेंद्र सिंह चौहान व धर्मचंद ने बताया कि किसानों के लंबे संघर्ष के बाद केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेते समय देश के अन्नदाताओं से जो वादे किए गए थे, उन्हें आज तक भी लागू नहीं किया गया है। उल्टे किसानों की मांगों को लेकर देश व प्रदेश की सरकार गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहले सरकार कह रही थी कि किसान दिल्ली ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर क्यों जाते हैं वो बिना वाहन के दिल्ली क्यों नहीं जाते। अब किसान पैदल दिल्ली जाना चाहते हैं तो उन्हें पैदल भी नहीं जाने दे रहे। सरकार यह बताए कि वह फसल के कुल उत्पादन का कितने प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है।
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किसान नेताओं ने सरकार द्वारा घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के फैसले का भी विरोध किया तथा कहा कि यह फैसला बिजली के निजीकरण करने का षड्यंत्र है। इसे संयुक्त किसान मोर्चा किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। इसे लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन भी दिया जाएगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में किसान नेता सोहनपाल चौहान, दरियाब सिंह, ताराचंद,चेतराम मेंबर, राहुल तंवर, रमेशचन्द गौड़ौता, राजकुमार ओलियान, सतीश कुमार, रघुबीर सिंह आदि मौजूद थे।
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