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    दिल्ली में कॉल सेंटर से चल रहा था फर्जीवाड़ा, पुलिस के पहुंचते ही मची भगदड़; 11 गिरफ्तार

    पलवल पुलिस ने दिल्ली में एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ये ठग क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर ओटीपी लेकर लोगों से ठगी करते थे। आरोपियों के खिलाफ देशभर में 100 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं जिनमें 40 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी का पता चला है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

    By kulveer singh chauhan Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 03 Jul 2025 05:53 PM (IST)
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    पुलिस की गिरफ्त में गिरोह के सदस्य- पीआरओ

    जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल पुलिस ने दिल्ली में काल सेंटर चलाकर देशभर की जा रही साइबर ठगी का भंडाफोड़ करते हुए तीन युवतियों समेत 11 ठगों को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में आरोपितों के विरुद्ध देशभर के अलग-अलग राज्यों में 100 के करीब शिकायतें दर्ज मिली हैं।

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    मामले के बारे में जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शुभम सिंह ने बताया कि साइबर थाना पलवल को मई माह में बघौला के रहने वाले संजीव ने शिकायत दी थी कि उसके साथ 33 हजार की ठगी की गई है। यह ठगी क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर की गई है।

    इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की। पुलिस को पता चला कि यह ठगी दिल्ली के उत्तम नगर से की जा रही है। उन्होंने साइबर तकनीक के आधार पर बुधवार को दिल्ली के उत्तम नगर में साइबर ठगों के ठिकाने पर छापेमारी की। उन्हें एक फ़्लैट में कॉल सेंटर चलता हुआ मिला।

    मौके से तीन युवतियों समेत कुल 11 ठग मिले। इस काल सेंटर को उत्तम नगर का रहने वाला प्रदीप चला रहा था, जिसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। पहचान में सभी आरोपित दिल्ली के रहने वाले मिले।

    पुलिस की टीम ने पश्चिम विहार के रहने वाले मोहित, कुंवर सिंह के रहने वाले वीरेंद्र,टैगोर गार्डन के रहने वाले रोहित,टैगोर गार्डन की रहने वाली साक्षी,मुकुंदपुर नार्थ वेस्ट की रहने वाली खुशबू,समता विहार, मुकुंदपुर नार्थ वेस्ट की रहने वाली अविशका, रोहिणी के रहने वाले साहिल, नितिन व साहिब, जनकपुरी एक्सटेंशन के रहने वाले आयुष को गिरफ्तार किया।

    बैंक अधिकारी बनकर करते थे ठगी

    आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वे बैंक अधिकारी बनकर ग्राहकों को फोन करते और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने के नाम पर ओटीपी प्राप्त करते। इसके बाद क्रेडिट कार्ड से राशि अलग-अलग वालेट में प्राप्त कर सीएससी से निकलवा लेते थे।आरोपितों से 20 फोन बरामद हुए और 200 सिम मिली।

    जानकारी के अनुसार इस कॉल सेंटर को चलाने वाला प्रदीप युवक-युवतियों को वेतन पर रखता था और काल सेंटर के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम दिलवाता था। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के पास लोगों की क्रेडिट कार्ड की डिटेल कैसी पहुंचती थी।

    100 से अधिक वारदातों का हुआ खुलासा

    आरोपितों के विरुद्ध देशभर के अलग-अलग राज्यों में 100 से ऊपर शिकायत दर्ज होनी पाई गई हैं, जिनमें करीब 40 लाख से ऊपर की राशि की धोखाधड़ी पाई गई है। इसके अलावा पुलिस द्वारा इस गिरोह द्वारा की गई ठगी की अन्य वारदातों का पता लगाया जा रहा है। आने वाले दिनों में ठगी की कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।