पलवल में धान और बाजरा के समर्थन रेट पर खरीद को लेकर इनेलो और किसान सभा ने किया प्रदर्शन
पलवल अनाज मंडी में किसानों से बाजरा कपास और धान की खरीद में धांधली के विरोध में इनेलो और किसान सभा ने प्रदर्शन किया। उन्होंने मार्केट कमेटी सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें फसलों की सरकारी खरीद न होने और कम दाम पर फसल बेचने की मजबूरी का मुद्दा उठाया गया। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर समस्या सुनी और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

संवाद सहयोगी, होडल। अनाज मंडी में बाजरा, कपास और धान फसल की खरीद में किसानों से की जा रही धांधलेबाजी के मामले को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल और अखिल भारतीय किसान सभा के दर्जनों सदस्यों ने सोमवार को अनाज मंडी पहुंच गए और मार्केट कमेटी कार्यालय के नीचे सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। बाद में कार्यकताओं ने मार्केट कमेटी सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
अखिल भारतीय किसान सभा ब्लाक कमेटी देवेन्द्र नंबरदार, इनेलो के अजीत बाबी, सुनील कुमार मांडोत, रमन लाल, अशोक, दलबीर सिंह, अतर सिंह, राजवीर सिंह व विक्रम सहित काफी संख्या में अन्य कार्यकर्ताओं ने मंडी में धान, बाजरा और कपास की फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों की फसलों की सरकारी खरीद न होने पर मंडी में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल सभी वक्ताओं ने कहा कि मंडी में कपास और सरसों फसल खरीद नहीं की जाती है जिसके कारण मजबूरी में किसान प्राइवेट एजेंसियों को मनमर्जी दामों पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होते हैं, उन्होंने बताया कि अब सर का द्वारा धान खरीदी घोषणा किए जाने के बावजूद किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है जिसको लेकर उन्होंने इस मामले से मार्केट कमेटी सचिव को पहले भी अवगत कराया था, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी समर्थन मूल्य पर खरीददारी शुरु नहीं की है।
इनेलो और किसान सभा के सदस्यों द्वारा किए प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही एसडीएम बैलिना भी अनाज मंडी पहुंच गई और किसानों की समस्याओं को सुना तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को फसल उठान कराने के कड़े के दिशानिर्देश दिए।
वहीं इनेलो कार्यकर्ताओं ने सरकार द्वारा बाजरा, कपास और धान आदि की खरीद में किसानों के साथ हो रही लूट के बारे में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया कि किसानों द्वारा अनाज मंडियों में बाजरा, कपास और धान आदि फसलें लाई जा रही हैं,लेकिन सरकारी एजेंसियां खरीद नहीं कर रही हैं, जिसके कारण किसानों को अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है, बल्कि सरकारी खरीद एजेंसियों और व्यापारियों की मिलीभगत के कारण नमी आदि की आड़ में किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दरों पर खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
इनेलो कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि बाजरा-कपास की खरीद निर्धारित समर्थन मूल्य पर तत्काल शुरू की जाए तथा बाढ़ के कारण किसानों की जो भी फसल वर्वाद हुई हैं, उसके लिए प्रति एकड़ 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाए। इस अवसर पर दर्जनों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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