Haryana News: पशुओं को लू से बचाने के लिए विभाग ने जारी की एडवाइजरी, पशुपालकों को करना होगा ये काम
पलवल में गर्मी के मौसम में पशुओं को लू से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने विशेष तैयारी की है। पशु चिकित्सकों की 27 टीमें गठित की गई हैं और पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। पशुओं को छायादार स्थान पर रखने पर्याप्त पानी पिलाने और संतुलित आहार देने की सलाह दी गई है। पशु चिकित्सक से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

जागरण संवाददाता, पलवल। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र सहरावत ने बताया कि अप्रैल से जून के दौरान तापमान काफी बढ़ जाता है, जिससे पशुओं के हीट स्ट्रोक व लू लगने की स्थिति में बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।
विभाग की 27 टीमें गठित
इससे न केवल पशुओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि दूध उत्पादन में भी कमी आती है। उन्होंने बताया कि गर्मी में पशुओं को हीट वेव से बचाने के लिए पशु चिकित्सकों के नेतृत्व में विभाग की 27 टीमें गठित की गई हैं।
मुख्यालय की ओर से जारी एडवाइजरी सभी पशु चिकित्सकों को भेज दी गई है, जिसमें आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पशु संगठनों में आपातकालीन दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं। पशु संगठनों ने जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को पशुओं को लू से बचाने के सरल वैज्ञानिक उपायों की जानकारी दी।
पशुओं को लू से बचाने के लिए करें ये काम
उन्होंने बताया कि पशुओं को उनकी जरूरत के अनुसार संतुलित आहार और रोजाना कम से कम 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर जरूर दें। पशुओं को सूखा भूसा खिलाने की बजाय भूसे को कम से कम एक घंटे पहले पानी में भिगोकर खिलाएं। पशुपालकों को छोटे पशुओं और गर्भवती पशुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पशुओं को छायादार स्थान पर रखना चाहिए, दिन में कई बार स्वच्छ व ठंडा पानी पिलाना चाहिए, संतुलित आहार, हरा चारा, मिनरल मिक्सचर व सूखा चारा पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए।
इसके साथ ही यदि कोई पशु सुस्त हो, बार-बार हांफ रहा हो, अधिक लार टपक रही हो या शरीर में गर्मी लग रही हो तो ये हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
उपनिदेशक डॉ. सहरावत ने कहा कि पशुओं के रहने के स्थान को ठंडा रखने के लिए छतों पर पानी का छिड़काव करें तथा खिड़कियों व दरवाजों पर गीली बोरियां टांग दें। उन्होंने कहा कि ये छोटे-छोटे कदम पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं तथा उनके स्वास्थ्य व उत्पादकता को बनाए रखने में सहायक होंगे।
इसके अलावा यदि फिर भी किसी पशु को हीट स्ट्रोक हो जाए तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें।
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