मर्डर की एफआईआर से नाम हटवाने के नाम पर साढ़े पांच लाख की ठगी, डीएसपी के सामने किया कुबूल
पलवल में हत्या के एक मामले में नाम निकलवाने के नाम पर साढ़े पांच लाख की धोखाधड़ी हुई। असावटा गांव के महीपाल ने सुरेश तेवतिया पर आरोप लगाया कि उसने बेटे का नाम हटाने के लिए पैसे लिए पर काम नहीं किया। शिकायत के बाद डीएसपी ने सुरेश को पैसे लौटाने का आदेश दिया लेकिन उसने आनाकानी की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, पलवल। हत्या के मामले में युवक का नाम निकलवाने के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कैंप थाना पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले में असावटा गांव के रहने वाले महीपाल ने बताया कि 2019 में सुभाष नाम के युवक की हत्या के मामले में उसका पुत्र मेहताब नामजद है। गांव के ही सुरेश तेवतिया ने पीड़ित से कहा कि वह उसकी पुलिस में जान-पहचान है। वह उनके बेटे को मुकदमे से निकलवा देगा। इसकी एवज में उसे साढ़े पांच लाख रुपये देने होंगे।
इसके बाद पीड़ित ने सुरेश को साढ़े पांच लाख दे दिए लेकिन उसके पुत्र का नाम मुकदमे से नहीं निकला। इसके बाद पीड़ित ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में की। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 16 जुलाई को पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे डीएसपी नरेंद्र कुमार खटाना को कानूनी कार्रवाई के लिए भेजा गया था।
डीएसपी ने दोनों पक्षों को 19 जुलाई को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। महीपाल के साथ उनके गांव के नरेंद्र पोसवाल और नरेंद्र नंबरदार भी गए थे। महीपाल के अनुसार, डीएसपी की मौजूदगी में सुरेश तेवतिया ने यह स्वीकार किया कि उसने पुलिस के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपये लिए थे।
डीएसपी ने आरोपित को पांच दिन में पैसे लौटाने का आदेश दिया था और ऐसा न करने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की चेतावनी दी थी। मगर पांच दिन बाद जब दोनों पक्ष फिर से डीएसपी के कार्यालय में पेश हुए, तो सुरेश तेवतिया ने रुपये लौटाने में आनाकानी की। उसने दस दिन का और समय मांगा। दस दिन बाद भी आरोपित ने रुपये नहीं लौटाए।
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