पलवल में तीन घंटे चले हंगामे के बाद हुआ बिजेंद्र का पोस्टमार्टम, परिवार वालों ने किया प्रदर्शन
पलवल के काशीपुर गांव में किसान बिजेंद्र की हत्या के आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जिसके कारण परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया जिसके बाद पुलिस के समझाने पर वे शांत हुए। यह हत्या 20 साल पुरानी रंजिश का नतीजा बताई जा रही है जिसमें बिजेंद्र पर दीपांशु के पिता की हत्या का आरोप था।

जागरण संवाददाता, पलवल। काशीपुर गांव में पुरानी रंजिश के चलते किसान बिजेंद्र की हत्या करने वाले आरोपितों की दो दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से गुस्साए स्वजन ने मंगलवार को तीन घंटे तक जिला नागरिक अस्पताल में जमकर हंगामा किया और पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
दो बार ग्रामीण नागरिक अस्पताल के शव गृह से दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने के लिए भी निकल पड़े। हालांकि पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाने बुझाने पर वह शांत हुए। इसके बाद दोपहर करीब दो बजे शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
उधर, हत्याकांड के बाद काशीपुर गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस हत्याकांड से गुस्साए पीड़ित पक्ष में बीते सोमवार रात को आरोपितों के घर पर हमला किया। हालांकि पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया। कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए गांव में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
मामले में काशीपुर की रहने वाली श्यामवती ने शिकायत दी थी कि सोमवार सुबह दस बजे वह और उसका पति बिजेंद्र घर से खेतों पर पशुओं का चारा लेने गए थे। दोनों चारा लेकर वापस घर लौटकर आ रहे थे। उसी दौरान गांव के ही पप्पू के पुत्र दिपांशु व तुषार, कुलदीप, संदीप, गौरव, सौरव, किरीश, प्रवीण, सतबीर, विपिन, भगत सिंह, जयसिंह, परविंद्र, राजबीर, साहिल, राजबीर, ओमप्रकाश व गुलाब हाथों में अवैध हथियार, लाठी, डंडा लेकर रास्ते में पहुंच गए।
जब तक वे कुछ समझ पाते तब तक दिपांशु, तुषार व कुलदीप ने हाथ में लिए अवैध हथियारों से अंधाधुंध उसके पति पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके पति को पांच छह गोलियां लगी। गोलियां लगने से उसके पति बिजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।
उसने बचाने का प्रयास किया तो आरोपितों ने लात-घूसों से उसे भी पीटकर दूर फेंक दिया। उसके पति की हत्या करने के बाद आरोपित गांव की तरफ चले गए और उनके घर पर जाकर उसके पुत्र सचिन पर गोलियां चला दी। सचिन को एक गोली लगी तो वह भागकर पड़ोसियों के घर में घुस गया। इसके बाद ग्रामीणों के एकत्रित होने पर हमलावर मौके से फरार हो गए।
20 साल पुरानी हत्या का लिया गया बदला
जानकारी के अनुसार करीब 20 वर्ष पहले बिजेन्द्र पर दीपांशु के पिता पप्पू की गोली मारकर हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में बिजेंद्र सात साल की सजा काटकर भी आया था। अभी वह जमानत पर बाहर था। इसी रंजिश में दीपांशु ने 20 साल बाद अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। आरोपितों की तलाश के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नरेंद्र खटाना,डीएसपी
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