पराली जलाने वाले किसान पर दर्ज होगी एफआईआर, नहीं मिलेगा किसी भी अनुदान राशि का लाभ
पलवल में कृषि विभाग फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर सक्रिय है। गांवों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जहां किसानों को अवशेष जलाने के नुकसान बताए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अवशेष जलाने पर एफआईआर जुर्माना और सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाएगा। उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।

जागरण संवाददाता, पलवल। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने बताया कि ग्राम स्तर पर गठित टीमों द्वारा फसल अशेष प्रबंधन पर जिले के सभी धान की बिजाई वाले गांवों में किसान जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन लगातार जारी है।
जागरूकता अभियान में कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा घर-घर किसानों को घर-घर जाकर फसल अवशेष जलाने के नुकसान बताए जा रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उप निदेशक डॉ. बाबूलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई भी किसान फसल अवशेष जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी।
इसके साथ-साथ जुर्माना व राजस्व विभाग के रिकार्ड में रेड एंट्री की जाएगी, जिसके बाद किसान अपनी फसल को सरकारी रेट पर नहीं बेच पाएगा। इसके साथ-साथ दोषी किसान को कृषि विभाग द्वारा किसी भी तरह की अनुदान राशि का लाभ नहीं दिया जाएगा।
कृषि विभाग का यह पूरा प्रयास है कि जिला पलवल में फसल अवशेषों के जलने की एक भी घटना न हो। अगर कोई किसान फसल अवशेषों को जलाते हुए पाया जाता है, तो उस किसान पर दो एकड़ तक पांच हजार रुपए, पांच एकड़ तक पंद्रह हजार रुपए और पांच एकड़ से ऊपर तीस हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
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