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    पलवल के छठ मेले में धुआं छोड़ने वाले बिस्कुट खूब लोकप्रिय, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक?

    पलवल के छठ मेले में धुआं छोड़ने वाले बिस्कुट खूब लोकप्रिय हो रहे हैं। ये बिस्कुट जिन्हें लिक्विड नाइट्रोजन में डुबोकर बनाया जाता है युवाओं और बच्चों को विशेष रूप से पसंद आ रहे हैं। स्टॉल संचालक के अनुसार यह एक सामान्य बिस्कुट है लेकिन इसे खाने के बाद मुँह से धुआँ निकलता है।

    By Ankur Agnihotri Edited By: Rajesh Kumar Updated: Sun, 24 Aug 2025 03:21 PM (IST)
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    पलवल के छठ मेले में धुआं छोड़ने वाले बिस्कुट खूब लोकप्रिय हो रहे हैं। जागरण

    अशोक कुमार यादव, पलवल। बलदेव छठ मेला समिति द्वारा कमेटी चौक स्थित श्यामा कुंज में आयोजित छठ मेले में इन दिनों लोगों को धुआँ छोड़ने वाले बिस्कुट खूब पसंद आ रहे हैं। हर वर्ग के लोग बड़े चाव से इसका आनंद ले रहे हैं और बिस्कुट खाकर मुँह से धुआँ छोड़ रहे हैं। छोटे बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग, सभी को यह धुआँ छोड़ने वाला बिस्कुट पसंद आ रहा है।

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    छठ मेला परिसर में ऊँचे झूले के पास धुआँ छोड़ने वाले बिस्कुट का स्टॉल लगाया गया है, जहाँ लोगों की भीड़ देखने लायक है। यहाँ 30 रुपये से लेकर 50 रुपये तक के बिस्कुट उपलब्ध हैं। लोग इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं। पलवल में पहली बार धुआँ छोड़ने वाले बिस्कुट का क्रेज देखने को मिल रहा है।

    ऐसे निकलता है धुआं

    स्टॉल संचालक ने बताया कि यह सामान्य बिस्कुट है। बिस्कुट को बस लिक्विड नाइट्रोजन गैस में डुबोया जाता है। यह ठंडा होता है, लेकिन इसे कम ठंडा करके ग्राहक को दिया जाता है। जब लोग लिक्विड नाइट्रोजन गैस में डूबे बिस्कुट खाते हैं, तो उनके मुँह से धुआँ निकलने लगता है। बिस्किट खाने पर थोड़ा ठंडा लगता है। लोग इसे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह सबको अपनी ओर आकर्षित करता है।

    धुआं वाले बिस्किट कैसे होते हैं?

    जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, धुआँ छोड़ने वाले बिस्किट खाने के बाद मुँह से वैसे ही धुआँ निकलता है जैसे सिगरेट पीने के बाद निकलता है। दुकानदार धुआँ छोड़ने वाले बिस्किट को सामान्य बिस्किट से ज़्यादा दाम पर बेचते हैं। तुलना करें तो यह कुछ-कुछ आग वाले पान जैसा होता है। जैसे लोग जलता हुआ पान खाते हैं, उसे खाने के बाद उनके मुँह से धुआँ निकलता है। वैसे ही इस बिस्किट को खाने के बाद लोगों के मुँह से धुआँ निकलता है।

    तरल नाइट्रोजन बेहद खतरनाक 

    जिला सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. सुरेश बुरोलिया का कहना है कि अगर तरल नाइट्रोजन को सीधे निगल लिया जाए, तो यह मुँह, गले, पाचन तंत्र और पेट को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। इससे पेट में तेज़ दर्द, मतली, उल्टी और कई अन्य गंभीर स्थितियाँ हो सकती हैं।

    तरल नाइट्रोजन सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे पूरी तरह बचना चाहिए, क्योंकि यह उनके और गर्भस्थ शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

    इसके अलावा, जिन लोगों को साँस लेने में समस्या या एलर्जी है, उन्हें तरल नाइट्रोजन गैस को साँस लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे साँस लेने में रुकावट हो सकती है या मौजूदा साँस लेने की समस्या और भी बदतर हो सकती है।