Nautapa 2025: नौतपा से खुद को कैसे बचाएं? डॉक्टरों ने बताया बहुत आसान तरीका
पलवल में नौतपा 25 मई से शुरू हो रहा है जिसमें गर्मी से बचाव जरूरी है। चिकित्सकों के अनुसार इस दौरान डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है इसलिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना चाहिए। तेज धूप में निकलने से बचें और हल्के कपड़े पहनें। कमजोरी महसूस होने पर ओआरएस का घोल पिएं। आहार में तरल पदार्थ और फल शामिल करें। नौतपा में विशेष सावधानी बरतें।

अशोक कुमार यादव, पलवल। इस बार नौतपा रविवार 25 मई कल से शुरू हो रहा है, जो कि 2 जून तक चलेगा। ये नौ दिन साल के सबसे गर्म दिन होते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, नौतपा तब लगता है, जब ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है।
इस दौरान दिन के समय में घर से बाहर निकलना किसी खतरे से कम नहीं होता है। वहीं कुछ खास बीमारी से जूझ रहे लोगों को नौतपा में अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि उनका शरीर ज्यादा गर्मी झेलने के लिए सक्षम नहीं होता है।
बता दें कि प्रचंड गर्मी के वो नौ दिन, जिन्हें नौतपा कहा जाता है। इन नौ दिनों में सूरज की तपिश धरती पर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। भीषण गर्मी में सबसे ज्यादा समस्या डीहाइड्रेशन की होती है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है, साथ ही सावधानियां बरतना जरूरी है, ताकि खुद को गर्मी से बचाया जा सके।
यहां जानिए उन चीजों के बारे में जिन्हें गर्मी के खाने में शामिल करना जरूरी है। ऐसा करके आप खुद को लू की चपेट में आने से बचा सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में डाक्टरों का क्या कहना है।
जिला नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. सुरेश बुरोलिया का कहना है कि नौतपा आमतौर पर मई के आखिरी और जून के पहले हफ्ते में होता है। इस समय हवाएं गर्म और शुष्क होती हैं, जो तापमान को और बढ़ा देती हैं।
नौतपा के दौरान जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो शरीर पर इसका सीधा असर पड़ता है। तेज गर्मी और लगातार पसीना आने की वजह से शरीर में नमक-पानी की कमी हो जाती है। इससे व्यक्ति को कमजोरी महसूस होने लगती है, चक्कर आ सकते हैं और थकावट बनी रहती है।
अगर शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाए तो बुखार, सिरदर्द, उल्टी और कभी-कभी बेहोशी भी हो सकती है। तेज गर्मी के कारण स्किन रैशेज और घमौरियां हो सकती हैं। इसके अलावा गर्मी में पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। खाना जल्दी पचता नहीं है, जिससे दस्त या उल्टी की समस्या हो सकती है।
नौतपा में किन लोगों को ज्यादा रिस्क होता है, इसके बारे में एशियन क्लीनिक, पलवल के फिजिशयन डा. रविकांत शर्मा ने बताया कि वैसे तो नौतपा हर किसी के लिए खतरनाक है। लेकिन कुछ लोगों को इसका रिस्क अधिक रहता है।
जैसे कि जो लोग धूप में ज्यादा समय बिताते हैं। जो लोग किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट वुमन को भी इसका रिस्क ज्यादा होता है।
गर्मी में शरीर का तापमान बढ़ने पर हार्ट, लंग्स, लिवर और ब्रेन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में जो लोग पहले से इससे जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए ज्यादा गर्मी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।
फोर्टिस अस्पताल के डा. रवि रविशेखर झा ने बताया कि नौतपा में शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है। इसके अलावा दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें सबसे तेज होती हैं। अगर किसी जरूरी कार्य से बाहर जाना पड़े तो सिर को कपड़े या छाते से ढककर निकलें।
साथ ही हल्के, सूती व सफेद रंग के कपड़े पहनें ताकि शरीर से हवा पास होती रहे। इसके साथ ही कुछ और बातों का ध्यान रखें। अगर तेज धूप में काम करते हुए बीमार पड़ जाए तो सबसे पहले छायादार स्थान पर जाएं।
कुछ देर रेस्ट करने के बाद ओआरएस का घोल या नींबू पानी पिएं। गीले कपड़े से शरीर पोंछें या ठंडे पानी से नहाएं। अगर चक्कर, उल्टी या तेज बुखार हो तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
इन चीजों को बनाएं डाइट का हिस्सा
- शिकंजी,नारियल पानी,छाछ, सत्तू का शरबत, बेल का शरबत,कच्चे आम (कैरी) का पना
ये बातें जरूर रखें याद
- हर दिन कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पीएं, साथ ही अन्य लिक्विड चीजें लें।
- तरबूज, खरबूजा, लीची, अंगूर, संतरा, मौसमी, खीरा आदि रस वाले फल जो आपके शरीर में पानी की कमी को दूर करें, उन्हें गर्मी में डाइट का हिस्सा बनाएं। किसी तरह का अल्कोहल का सेवन करने से बचें, चाहे शराब हो या बीयर।
- बाहर का जंक फूड, फास्ट फूड या किसी अन्य तरह की चीजों को खाने से पूरी तरह से बचें।घर में कम आयल और कम मिर्च-मसाले वाला खाना बनाकर खाएं।
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